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Krishna

श्री कृष्ण चालीसा

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॥ दोहा॥बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज ।जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज ॥ ॥ चौपाई ॥जय यदुनंदन जय जगवंदन। जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नट-नागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ …

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हरद्वार की महिमा

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हरद्वार जिसे हरिद्वार के नाम से भी जाना जाता है। इसकी महिमा अनन्त है, जिसे शास्त्रो अथवा पुराणों में बहुत गाया और बताया गया है..

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करूणा मयी श्री राधे

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एक बार वृन्दावन में एक संत हुए कदम्खंडी जी महाराज। उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे।एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे। …

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प्रेम पवित्र है पूजनीय है इसे कलंकित मत करो .

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गली मोहल्ले चौराहे पर बैठकर दोस्तो के बीच मदस्मत होकर अपनी अय्याशी की वीरगाथा सुनाते महानुभावों से अनुरोध है कि इसे पढ़ें..❤️🙏 कभी कभी एक से अधिक स्त्री के साथ प्रेम का स्वांग रचने वाला पुरूष खुद को बड़ा चालाक और सक्षम समझता है उसे ऐसा लगता है जैसे एक से अधिक स्त्रियों के साथ प्रेम प्रसंग करके उसने बहुत …

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द्वारिका

द्वारिका में रहकर कृष्ण ने सुखपूर्वक जीवन बिताया। यहीं रहकर उन्होंने हस्तिनापुर की राजनीति में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं और 8 स्त्रियों से विवाह कर एक नए कुल और साम्राज्य की स्थापना की। द्वारिका वैकुंठ के समान थी। कृष्ण की 8 पत्नियां थीं:- रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, मित्रवन्दा, सत्या, लक्ष्मणा, भद्रा और कालिंदी। इनसे उनका कई पुत्र और पुत्रियों की प्राप्ति हुई।इसके …

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यमुना के पार गोकुल

जब कृष्ण का जन्म हुआ तो जेल के सभी संतरी माया द्वारा गहरी नींद में सो गए। जेल के दरवाजे स्वत: ही खुल गए। उस वक्त भारी बारिश हो रही थी। यमुना में उफान था। उस बारिश में ही वसुदेव ने नन्हे कृष्ण को एक टोकरी में रखा और उस टोकरी को लेकर वे जेल से बाहर निकल आए। कुछ …

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श्री कृष्ण की मृत्यु का कारण

अपने पिता को यदुवंशियों के विनाश की सूचना देकर कृष्ण वन में अपने भाई बलराम के पास वापस लौट आये थे। यदुकुल की स्त्रियों की रक्षा का भार उन्होंने अपने सारथी बाहुक के माध्यम से अर्जुन पर छोड़ दिया था।अब इस धरा पर वे बस अपने भाई के साथ कुछ क्षण व्यतीत करना चाहते थे।बलराम एक वृक्ष के नीचे निश्चेष्ट …

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राधा रानी जी और फूल सखी

बरसाना में फूल सखी नाम का एक मुस्लिम था यद्यपि वो एक मुस्लिम था फिर भी उसकी राधा रानी में अपार श्रद्धा थी और तो और उसकी एक बेटी थी जिसका नाम भी उसने राधा रखा था.फूलसखी सारंगी बजाने का काम करता था कोई भी उत्सव होता तो वो सारंगी बजाता और उसकी बेटी राधा उसकी धुनों पर नृत्य करती.इसी …

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श्री कृष्ण के कंजूस भक्त की कथा

एक बार एक कंजूस सेठ करोड़ी मल था। कंजूसी में उसका हाल ऐसा की चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए। वह #श्रीकृष्ण का भक्त था। एक बार वह संत के पास गया और कहने लगा कि महाराज कोई ऐसा उपाय बताए जिससे मैं श्री कृष्ण की सेवा भी कर सकूं और मेरा कोई पैसा भी ना लगे।संत जी उसकी कंजूसी …

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सेवा से भौतिक लाभ

सत्यराम 🙋🏻यदि कोई व्यक्ति भक्ति सेवा से भौतिक लाभ चाहता है, तो कृष्ण ऐसी भौतिकवादी इच्छाओं की निंदा करते हैं। भक्ति सेवा में संलग्न रहते हुए भौतिक ऐश्वर्य की इच्छा करना मूर्खता है। यद्यपि व्यक्ति मूर्ख हो सकता है, कृष्ण, सर्व-बुद्धिमान होने के नाते, उसे अपनी भक्ति सेवा में इस तरह संलग्न करते हैं कि वह धीरे-धीरे भौतिक ऐश्वर्य को …

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