ऋषि लोग बोले:- हे सूत! हे महाभाग! हे सूत! हे बोलने वालों में श्रेष्ठ! पुरुषोत्तम के सेवन से राजा दृढ़धन्वा शोभन राज्य, पुत्र आदि तथा पतिव्रता स्त्री को किस तरह प्राप्त किया और योगियों को भी दुर्लभ भगवान् के लोक को किस तरह प्राप्त हुआ? ॥ हे तात! आपके मुखकमल से बार-बार कथासार सुनने वाले हम लोगों को अमृत-पान करने …
Read More »Mantra Jaap
पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 12
नारदजी बोले:- जब भगवान् शंकर चले गये तब हे प्रभो! उस बाला ने शोककर क्या किया! सो मुझ विनीत को धर्मसिद्धि के लिए कहिये ॥ इसी प्रकार राजा युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पूछा था सो भगवान् ने राजा के प्रति जो कहा सो हम तुमसे कहते हैं सुनो ॥ २ ॥ श्रीकृष्ण बोले:- हे राजन! इस प्रकार जब शिवजी …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 10
दुर्वासा ऋषि बोले,:- हे सुन्दरि! गुप्त से भी गुप्त उपाय मैं तुझसे कहता हूँ। यह विषय किसी से भी कहने योग्य नहीं है, तथापि तेरे लिये तो मैंने ये विचार ही लिया है। मैं विस्तार पूर्वक न कहकर तुझसे संक्षेप में कहता हूँ। हे सुभगे! इस मास से तीसरा मास जो आवेगा वह पुरुषोत्तम मास है। इस मास में तीर्थ …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 9
श्रीनारायण बोले :- अपने पिता को स्मरण करते-करते और बराबर शोक करते-करते उस घर में कुछ काल उस कन्या का व्यतीत हुआ ॥ ३ ॥ सिंह से भागती हिरणी की तरह घबड़ाई हुई, सुने घर में रहनेवाली, दुःखरूप अग्नि से उठी हुई भाप द्वारा बहते हुए अश्रुनेत्र वाली, जलते हुए हृत्कमल वाली, दुःख से प्रतिक्षण गरम श्वास लेनेवाली, अतिदीना, घिरी हुई …
Read More »Shri Ganesh Mantra
गजाननं भूत गणादि सेवितं,कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।उमासुतं शोक विनाशकारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥ गजाननं भूत गणादि सेवितं,कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।उमासुतं शोक विनाशकारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥ गजाननं भूत गणादि सेवितं,कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।उमासुतं शोक विनाशकारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥ गजाननं भूत गणादि सेवितं,कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।उमासुतं शोक विनाशकारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥
Read More »महामृत्युंजय मंत्र / Mahamrityunjay Mantra
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव …
Read More »वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र
विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यहीं है जो हमारे देश भारत में बना हुआ है । ये हमारा भारत जिस पर हमे गर्व होना चाहिये l
Read More »मैं भी तो ब्राह्मण हूं
, जो एक जनेऊ हनुमान जी के लिए ले आये थे। संयोग से मैं उनके ठीक पीछे लाइन में खड़ा था, मेंने सुना वो पुजारी से कह रहे थे कि वह स्वयं का काता (बनाया) हुआ जनेऊ हनुमान जी को पहनाना चाहते हैं, पुजारी ने जनेऊ तो ले लिया पर पहनाया नहीं। जब ब्राह्मण ने पुन: आग्रह किया तो पुजारी बोले यह तो हनुमान जी का श्रृंगार है इसके लिए बड़े पुजारी (महन्त) जी से अनुमति लेनी होगी,
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 5
adhik mas:- मल मास द्वारा अपने मर जाने की प्रार्थना भगवन श्री हरि को करना देवऋषि नारद जी ने भगवान श्री नारायण से पूछा:- हे महाभाग ! चरणों में पड़े अधिक मास को भगवान श्री हरि ने क्या उतर दिया और उससे क्या क्या कहा था? वह सम्पूर्ण वृतांत कृपा करके मुझसे विस्तारपूर्वक कहिये . हे अर्जुन! बैकुण्ठ का वृत्तान्त हम तुम्हारे सम्मुख …
Read More »ॐ नमः शिवाय मंत्र का शुद्ध उच्चारण
अभी सावन का महीना प्रारम्भ होने वाला है। आपने देखा होगा की सभी मंदिर में जाते हैं और जप करते हैं ॐ नमः शिवाय। यह मंत्र भगवान् शिव का एकाक्षरी बीज मंत्र है और बहुत ही शक्ति प्रदान करने वाला है। इस मंत्र का यदि हम जाप करते हैं तो शनि राहु केतु कोई भी ग्रह अगर गलत चल रहा …
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