क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही “राम राम” क्यों बोलते हैं ? एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ? दो बार “राम राम” बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है.हिन्दी की …
Read More »Mantra Jaap
नवरात्रि 2017: 21 सितंबर से शुरू हो रहा है पर्व, नौ दिनों तक इन 9 चीजों से करें मां की पूजा
शारदीय नवरात्रि इस बार 21 सितंबर से शुरु हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के आते ही घर-घर में मां के आगमन की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। गुरुवार से शुरू होने वाली नवरात्रि के नौ दिनों में यदि नौ विशेष चीजों का इस्तेमाल …
Read More »क्यों कहलाते हैं पांचरुपी हनुमान
जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपने पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावण को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ- साथ तंत्र – मंत्र का बड़ा ज्ञाता था। उसने अपने माया के दम पर भगवान राम …
Read More »समुद्र मंथन से निकले थे चौदह रत्न
समुद्र मंथन से निकले थे चौदह रत्न, इनमें छिपी है हमारी जीवन पद्धति।पढ़े कौन कौन से हैं चौदह रत्न? मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा की जाती है। समुद्र मंथन से धन्वतंरि के साथ अन्य रत्न भी निकले थे। आज हम आपको समुद्र मंथन …
Read More »संयम अति आवश्यक है
भारत में कई ऐसे सिद्ध तांत्रिक आज भी हैं, जो मात्र भभूत एवं आशीर्वाद के द्वारा असाध्य रोगों को ठीक कर देते हैं। तंत्र साधना की दो विधियां हैं- दक्षिणमार्गी और वाममार्गी। दक्षिणमार्गी शुद्ध सात्विक साधना है जबकि वाममार्गी तंत्र साधना अघोरियों के अघोर तंत्र से संबंध रखती है। ये अघोरी श्मशान एवं प्रेत शक्तियों का सहारा लेते हैं। आयुर्वेद …
Read More »रहीम की विनम्रता का अनोखा उदाहरण
कवि रहीम और कवि गंग गहरे मित्र थे। रहीम गरीबों को बड़े पैमाने पर दान दिया करते थे। वे पंक्ति में खड़े लोगों को जब दान देते थे तो अपनी नजरें नीची कर लेते थे। दान लेने वाले कुछ तो एक बार लेकर फिर दोबारा पंक्ति में लग जाते और फिर से दान ले लेते। गंग कवि को यह बड़ा …
Read More »श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित
lord-hanuman हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया। क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं? बस रटा रटाया बोलते जाते हैं। आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो। तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित!! …
Read More »तत्काल फल देती है हनुमान जी की साधना
अतुलित बलधामं नमामि स्वर्णशैलाभदेह नमामि दनुज–बल–कृशानु नमामि, ज्ञानिनामग्रगण्यम् नमामि। सकल गुणनिधानं नमामि वानराणामधीशं नमामि। रघुपति प्रियभत्तं नमामि वातजातं नमामि।। आज का भोगोन्मुख मानव अमर्यादित कामाचार, अभक्ष्य भक्षणादि प्रवृत्तियों में फंसकर किंकर्त्तव्य विमूढ़ हो रहा है। जहां कहीं यत्र-तत्र थोड़ी-बहुत धार्मिकता या आध्यात्मिकता के अंश हैं, तो वहां उनके आचरण में दम्भ ईर्ष्या-द्वेष, पाखण्डादि की दुष्प्रवृत्तियां भी दृष्टिगोचर हो रही हैं। …
Read More »What is mantra & how it works ?
Word element is the beginning element and this is the “Braham” and its other form is the universe and whole matter. And the “Om” consider first world element in Hindu literature. Pronunciation power works in four way, three way is hidden and one is open, called “Bakhri” (speak). Other three called “Para”, “Pasyanti” and “Madyma”. Mantra or incantation pronunciation done …
Read More »ओम करपुर गौरम करुणावतारम, संसारसारम भुजेगेंड्रहाराम
om karpoor gauram karunaavataaram, sansaarasaaram bhujagendrahaaram ओम करपुर गौरम करुणावतारम, संसारसारम भुजेगेंड्रहाराम, सदा बसंतम हृदयाविंदे, भवाँ भवानी साहितम नामामी, शीश गांग आराधांग पार्वती, सदा विराजत कैलासी,नंदी भरिंगी नृत्या करात है, गन भक्टं शिव के दासी,शीतल मंद सुगंध पवन बहे, जहा बैठे शिव अविनासी,करात गान गंधरवा सप्तसूर, राग रागिनी आती गासी,यक्ष रक्ष भैरव जहा डोलात, बोलत है बन के बासी,कोयल शब्द …
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