दो मिनट की आरामदायक और बच्चों के पसंद की ज़ायकेदार मैगी को छोड़, किचन में गर्मी में तप कर हरी सब्ज़ियाँ बनाती फिरती हैं।
Read More »Gyan Ganga
निर्णय ले लिया
पति की कमाई सीमित होने के कारण वह स्वयं पूरा दिन सिलाई करके बच्चों की जरूरतों को पूरा करती थी।
Read More »सोनी सुबह से काम में लगी हुई है
अपनी तरफ से कुछ देना चाहती थी पर क्या दे!फिर कुछ सोच कर पंसारी की दुकान पर पहुँच गयी... "काका, वो बड़ा वाला हार्लिक्स का डब्बा देना.... ये लो बिटिया.....अरे रुपया रहने दे हम बड़े भइया से ले लेंगे..
Read More »संतुष्टि
लगभग सभी पसीने से लथपथ हो रहें थे मगर उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी हंसते मुस्कुराते हुए वह टाइल्स बिछाने में लगे हुए थे
Read More »मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी
मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी मन में उठ रहे सवालों को कैसे शांत करें, बेचैनी को कैसे शांत करें। इस कहानी में मैं आपको चार ऐसी आदतों के बारे में बताने वाला हूं जिसे आप अपने जीवन में अपनाकर एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं और अच्छे कामों में अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अगर आप इस कहानी …
Read More »मौन पर बुद्ध कहानी
आश्रम के सभी बच्चे जब दूसरे कामों में लगे होते थे तो एक बच्चा एक कोने में बैठा चुपचाप अपने आप में खोया रहता था। वो अक्सर किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। आश्रम की सभी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद जहाँ सभी बच्चे पूरे दिन की घटनाओं की चर्चा करने लगते हैं, वही पर वो शांत रहने वाला …
Read More »AM और PM का उद्गगम भारत में
क्या आप जानते हैं की समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में ही हुआ था …?? लेकिन हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है : AM : Ante Meridian PM : Post Meridian एंटे यानि पहले, लेकिन किसके? पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके? यह कभी …
Read More »बचपन की यादें
एक शहर की एक गली में एक पुराना मकान था। उसमें एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था। उसका न कोई रिश्तेदार था न कोई दोस्त। वह हमेशा अकेला रहता था। इस पुराने मकान के ठीक सामने एक छोटा-सा घर था।उस घर में एक छोटा बच्चा रोहित, अपने माता-पिता के साथ रहता था। बूढ़े व्यक्ति को बच्चे बहुत अच्छे लगते थे। वह …
Read More »मेरे बचपन की कहानी
मेरे बचपन के वक़्त तो मुर्गों की बांग नींद से जगाती थी, कभी बाबा के तानें , तो कभी मम्मी का प्यार , बिस्तर छुड़वाती थी।सूरज के जगने से पहले ही , दिन शुरू हो जाता था । हर कोई अपने काम को लेकर , काम में लग जाता था ।नहा धोकर स्कूल जाने को सब तैयार होते थे, जिनको …
Read More »जमींदार और गरीब बुढ़िया की कहानी
किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोंपड़ी में मर गया था। पतोहू …
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