घातक एक कल्ट क्लासिक रचना है… ऐसी फिल्म अब दोबारा से बन ही नहीं सकती…इस फिल्म को लोग ” ये मजदूर का हाथ है कात्या” जैसे डायलॉग की वजह से याद रखते हैं लेकिन ये फिल्म उससे कहीं अधिक है। फिल्म के एक सीन में काशी का पिता अस्पताल में भर्ती होता है और उसे पता लगता है कि उसके …
Read More »Gyan Ganga
ईश्वर जो कुछ भी करता है मनुष्य के भले के लिए ही करता है!!
बीरबल एक ईमानदार तथा धर्म-प्रिय व्यक्ति था। वह प्रतिदिन ईश्वर की आराधना बिना नागा किया करता था। इससे उसे नैतिक व मानसिक बल प्राप्त होता था। वह अक्सर कहा करता था कि ईश्वर जो कुछ भी करता है मनुष्य के भले के लिए ही करता है।कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि ईश्वर हम पर कृपा दृष्टि नहीं रखता, लेकिन ऐसा …
Read More »दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!
शहंशाह अकबर अपनी सल्तनत में सभी का बहुत अच्छे से ख्याल रखते थे। कोई उनकी सुविधाओं से वंचित न रहे जाए इसलिए वह वहाँ भेष बदल बदल कर घूमा करते थे। और लोगो के बीच जाकर लोगों की परेशानियों का अनुभव करते थे, कि कोई उनकी सल्तनत में दुखी तो नही है। अकबर एक बहुत ही अच्छे शहंशाह थे।एक दिन …
Read More »गधे, बैल और उनके मालिक की कहानी!!
एक बड़ा व्यापारी था जिसके गाँव में बहुत-से घर और कारखाने थे जिनमें तरह-तरह के पशु रहते थे। एक दिन वह अपने परिवार सहित कारखानों को देखने के लिए गाँव गया। उसने अपनी पशुशाला भी देखी जहाँ एक गधा और एक बैल बँधे हुए थे। उसने देखा कि वे दोनों आपस में वार्तालाप कर रहे हैं। वह व्यापारी पशु-पक्षियों की …
Read More »कितनी माताएँ – अकबर और बीरबल की कहानियाँ!!
बीरबल- ये मेरी माता हैं।अकबर ने तुलसी के झाड़ को उखाड़कर फेंक दिया और बोला- कितनी माता हैं तुम लोगों की?बीरबल को उसका जवाब देने की एक तरकीब सूझी। आगे एक बिच्छूपत्ती (खुजली वाला) झाड़ मिला। बीरबल ने उसे दंडवत् प्रणाम कर कहा- जय हो बाप मेरे।अकबर को गुस्सा आया और दोनों हाथों से झाड़ को उखाड़ने लगा। इतने में …
Read More »कोई भी काम छोटा नहीं होता!!
गर्मी की तपतपाती धूप मे कुछ मजदूरों से एक बङे यंत्र को गाङी पर लदवाया जा रहा था, यंत्र काफी बड़ा व् भारी था, और मजदूरों के अथक परिश्रम करने के बावजूद भी यंत्र गाङी मे लादा नही जा पा रहा था। कुछ अधिकारी खङे होकर केवल मजदूरों को कोस रहे थे। और कुछ बता रहे थे, कि ऐसे नही ऐसे करो। पर कोई भी अधिकारी उनके …
Read More »लगन सच्ची और इरादे बुलंद हों तो सब कुछ संभव है ~ विल्मा रुडोल्फ!!
खेल की कक्षा शुरू हुई तो एक दुबली-पतली लड़की किसी तरह अपनी जगह से उठी। वह शिक्षक से ओलिंपिक रेकॉर्ड्स के बारे में सवाल पूछने लगी। इस पर सभी छात्र हंस पड़े। शिक्षक ने व्यंग्य किया-‘तुम खेलों के बारे में जानकर क्या करोगी। अपने ऊपर कभी नजर डाली है। तुम तो ठीक से खड़ी भी नहीं हो सकती, फिर ओलिंपिक से तुम्हें क्या मतलब? तुम्हें कौन सा खेलों में भाग लेना है जो यह सब जानना चाहती हो।’ रुआंसी लड़की कुछ भी कह न सकी। सारी क्लास उस पर देर तक हंसती रही। अगले दिन जब खेल पीरियड में उसे बाकी बच्चों से अलग बिठाया गया तो उसने कुछ सोचकर बैसाखियां संभालीं और दृढ़ निश्चय के साथ बोली- “सर याद रखिएगा, अगर लगन सच्ची और इरादे बुलंद हों तो सब कुछ संभव है। आप देख लेना, एक दिन यही लड़की सारी दुनिया को हवा से बातें करके दिखाएगी।” उसकी इस बात पर भी समवेत ठहाका गूंज उठा। उस वक्त सबने इसे मजाक के रूप में लिया। लेकिन वह लड़की तेज चलने के अभ्यास में जुट गई। वह अच्छी और पौष्टिक खुराक लेने लगी, फिर वह कुछ दिनों में दौड़ने भी लगी। कुछ दिनों के बाद उसने छोटी-मोटी दौड़ में भाग लेना भी शुरू कर दिया। उसे दौड़ते देख लोग दांतों तले उंगली दबा लेते थे। तभी कई लोग उसकी मदद के लिए आगे आए। सबने उसका उत्साह बढ़ाया। उसके हौसले बुलंद होने लगे। फिर उसने 1960 के ओलिंपिक में हिस्सा लिया और तीन स्वर्ण पदक जीतकर सबको हतप्रभ कर दिया। जानते हैं ओलिंपिक में इतिहास रचने वाली वह लड़की कौन थी? वह अमेरिकी धाविका विल्मा रुडोल्फ थी।
Read More »जिद पर अड़े बच्चे को समझाना बच्चों का खेल नहीं!!
एक दिन बीरबल दरबार में देर से पहुंचे। जब बादशाह ने देरी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया, ‘मैं क्या करता हुजूर! मेरे बच्चे आज जोर-जोर से रोकर कहने लगे कि दरबार में न जाऊं। किसी तरह उन्हें बहुत मुश्किल से समझा पाया कि मेरा दरबार में हाजिर होना कितना जरूरी है। इसी में मुझे काफी समय लग गया और इसलिए मुझे …
Read More »ताली एक हाथ से नहीं बजती!!
गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े कई प्रसंग चर्चित हैं। आईये पढ़ते हैं एक ऐसा ही प्रसंग जिसमे उन्होंने एक महत्वपूर्ण सीख दे है। जानिए ये प्रसंग…एक बार गौतम बुद्ध किसी गांव में गए। वहां एक स्त्री ने उनसे पूछा कि आप तो किसी राजकुमार की तरह दिखते हैं, आपने युवावस्था में गेरुआ वस्त्र क्यों धारण किया है? बुद्ध ने उत्तर दिया कि …
Read More »सबसे बड़ी चीज ‘गरज़’ – अकबर और बीरबल की कहानियाँ!!
क दिन बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में बीरबल से जलने वाले सभी सभासद बीरबल के खिलाफ बादशाह अकबर के कान भर रहे थे। अक्सर ऐसा ही होता था, जब भी बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं होते थे, तभी दरबारियों को मौका मिल जाता था। आज भी ऐसा ही मौका था। बादशाह के साले मुल्ला दो प्याजा की …
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