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Positive and Negative

बेंजी का बड़ा दिन (Abraham Lincoln )

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बड़े दिन की पूर्व संध्या थी। गलियाँ और बाजार परियों की नगरी जैसे सजे हुए थे। बाजार में सब दुकानों पर लाल, नीली, हरी, पीली बत्तियाँ तारों की तरह टिमटिमा रही थीं। सभी दुकानें जगमगा रही थीं। उनमें सजाया हुआ बड़े दिन का सामान मन को लुभा रहा था। वहाँ तीन दुकानें ऐसी थीं जो क्रिस्मस पेड़ बेच रहीं थीं। …

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ऐसा करेंगे तो असंभव केवल एक शब्द रह जाएगा

ऐसा करेंगे तो असंभव केवल एक शब्द रह जाएगा

ब्रिटेन में एक डॉक्टर थे ‘रॉजर बैनिस्टर’। उन्हें जब भी समय मिलता, तब वह दौड़ने का अभ्यास करने में जुट जाते। दिलचस्प बात यह थी कि उन दिनों तक कोई भी तेज धावक एक मील की दौड़ चार मिनट से कम में पूरी नहीं कर पाया था। यह बात जब रॉजर ने अपने दोस्त से सुनी तो उन्होंने कहा, लेकिन …

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उस मनहूस चेहरे में छिपा था एक राज

उस मनहूस चेहरे में छिपा था एक राज

मशहूर होने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते लेकिन एक व्यक्ति इस बात के लिए मशहूर था कि, ‘उसका चेहरा मनहूस था।’ यह किस्सा काफी पुराना है। हुआ यूं कि उस व्यक्ति की शिकायत लोगों ने राजा से कर दी।  लेकिन, लोगों की बातों पर राजा को विश्वास नहीं हुआ। तब राजा ने स्वंय ही उस व्यक्ति के चेहरे …

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दुकानदार ने बच्चे को चार सीपों में महंगी गुड़िया दे दी, जानिए क्यों

दुकानदार ने बच्चे को चार सीपों में महंगी गुड़िया दे दी, जानिए क्यों

6 वर्ष का एक लड़का अपनी 4 वर्ष की छोटी बहन के साथ छोटे बाजार से जा रहा था। अचानक उसे लगा कि, उसकी बहन पीछे रह गई है। वह रुका, पीछे मुड़कर देखा, तो उसकी बहन एक खिलौने की दुकान के सामने खडी़ कोई चीज निहार रही है। लड़का पीछे आता है और बहन से पूछता है, “कुछ चाहिए …

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इन्होंने असफलता से चखा सफलता का स्वाद

जिंदगी बहुत कुछ कहती है। जरूरत है बस जिंदगी के हर पहलू पर गौर करने की। कुछ लोग इस जिंदगी से न हारते हुए कुछ ऐसा करते हैं जो हमेशा के लिए यादगार और प्रेरक बन जाता है। यहां पर कुछ ऐसे ही चर्चित हस्तियों के बारे में संक्षिप्त में उल्लेख है जिन्होंने पहले असफलता का स्वाद चखा और बाद …

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स्वयं की अलग पहचान बनाना है तो कीजिए यह उपाय

एक गांव में एक किसान रहता था। वह रोज सुबह झरनों से साफ पानी लाने के लिए दो बड़े घड़े ले जाता था, जिन्हें वह डंडे में बांधकर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका लेता था। उनमें से एक घड़ाकहीं से फूटा हुआ था, और दूसरा एकदम सही था। इस तरह रोज घर पहुंचते-पहुंचते किसान के पास डेढ़ घड़ा पानी …

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आज ही क्यों नहीं ‘Why not today’

एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन  वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था |सदा स्वाध्याय से दूर भागने की कोशिश  करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता था | अब गुरूजी कुछ …

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संकट का सामना करने के लिए साहस जरूरी (Courage needed to face crisis)

Hermitage of a saint

किसी महात्मा की कुटिया में एक चूहा रहता है। बिल्ली उधर से निकलती तो चूहा डर से कांपने लगता। एक दिन महात्मा ने चूहे से उसके भय का कारण पूछा। चूहे ने बिल्ली का भय बताया, साथ ही महात्मा से प्रार्थना की- मुझे बिल्ली बना दीजिए ताकि निर्भय रह सकूं। महात्मा ने वैसा ही किया। चूहा बिल्ली बन गया और …

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एक पुत्र अपने पिता के विषय में उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर क्या विचार रखता है

Pita-Putra

4 वर्ष : मेरे पापा महान है । 6 वर्ष : मेरे पापा सबकुछ जानते है, वे सबसे होशियार है।। 10 वर्ष : मेरे पापा अच्छे है, परन्तु गुस्से वाले है। 12 वर्ष : मैं जब छोटा था, तब मेरे पापा मेरे साथ अच्छा व्यवहार करते थे । 16 वर्ष : मेरे पापा वर्तमान समय के साथ नही चलते, सच …

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जीवन मिथ्या, मृत्यु मिथक; फिर सत्य क्या है!!

जीवन मिथ्या, मृत्यु मिथक; फिर सत्य क्या है!!

जीवन में दो बड़े सत्य हैं, जन्म और मृत्यु। दोनों के मध्य अनंत कार्य हैं उनमें से एक है प्रेम। जन्म भी कई बार झूठा लगता है क्योंकि हम बार-बार जन्मते हैं। आत्मा सिर्फ शरीर बदलती है, नया वस्त्र ले लेती है। तो फिर इसे नया जन्म क्यों मानें, जन्म का रूप परिवर्तन क्यों न कहें !! इस जन्म के …

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