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नारायण नारायण नारायण

वैशाखमास-महात्म्य (प्रथम अध्याय)〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️इस अध्याय में:- वैशाख मास की श्रेष्ठता; उसमें जल, व्यजन, छत्र, पादुका और अन्न आदि दानों की महिमा का वर्णन किया गया है.नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम्।देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत्॥ ‘भगवान् नारायण, नरश्रेष्ठ नर, देवी सरस्वती तथा महर्षि वेदव्यास को नमस्कार करके भगवान् की विजय-कथा से परिपूर्ण इतिहास-पुराण आदि का पाठ करना चाहिये।सूतजी कहते हैं 👉 राजा …

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मन की सकारात्मक सीमाबहुत

समय पहले की बात है किसी गाँव में मोहन नाम का एक किसान रहता था . वह बड़ा मेहनती और ईमानदार था .अपने अच्छे व्यवहार के कारण दूर -दूर तक उसे लोग जानते थे और उसकी प्रशंशा करते थे .पर एक दिन जब देर शाम वह खेतों से काम कर लौट रहा था तभी रास्ते में उसने कुछ लोगों को …

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मन में किसी प्रकार का घमंड नहीं करना चाहिए

एक राजा, वह जब भी मंदिर जाता, तो 2 भिखारी उसके दाएं और बाएं बैठा करते।दाईं तरफ़ वाला कहता: “हे ईश्वर, तूने राजा को बहुत कुछ दिया है, मुझे भी दे दे.!”बाईं तरफ़ वाला कहता: “ऐ राजा.! ईश्वर ने तुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी कुछ दे दे.!”दाईं तरफ़ वाला भिखारी बाईं तरफ़ वाले से कहता: ईश्वर से माँग …

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भारत से सिर्फ पैसे की ही लूट नहीं हुई,…

यदि हमारे पूर्वजो को हवाई जहाज बनाना नहीं आता, तो हमारे पास “विमान” शब्द भी नहीं होता।यदि हमारे पूर्वजों को Electricity की जानकारी नहीं थी, तो हमारे पास “विद्युत” शब्द भी नहीं होता।यदि “Telephone” जैसी तकनीक प्राचीन भारत में नहीं थी तो, “दूरसंचार” शब्द हमारे पास क्यो है।Atom और electron की जानकारी नहीं थी तो अणु और परमाणू शब्द कहा …

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यह अपमान बंद होना चाहिए

तलवार के लिए कई सारी बातें और परंपरा राजपूतो में युगों युगों से चली आ रही है जैसे कि 1 राजपूतो की बेटी का गठबंधन तलवार के साथ होता है पति के साथ नहीं अगर पति उपस्थित नहीं हो तो तलवार के साथ फेरे लिए जा सकते हैं 2 तलवार सत्ता का प्रतीक है राजचिनहो में से एक है 3 …

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Shrimad Bhagwat Geeta Mahatmya Adhyay4

geeta mahatmya adhyay4

गीता महात्म्य : चौथा अध्याय का महात्म्य लक्ष्मीजी ने पूछा हे स्वामी! श्री गीताजी के पाठ करने वाले को छूकर भी कोई जीव मुक्ति हुआ है? तब श्री नारायणजी ने कहा हे लक्ष्मी! तुम्हे मुक्ति की एक पुरातन कथा सुनाता हूं। गंगाजी के तट पर एक काशीपुर नाम का एक नगर है। वहां एक वैष्णव रहता था। वह नित्य गंगा …

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Shrimad Bhagwat Geeta Mahatmya Adhyay3

geeta mahatmya adhyay 3

श्रीमद्भगवद्गीता तीसरे अध्याय के पाठ का महत्व श्री नारायण बोले- हे लक्ष्मी एक महामूर्ख व्यक्ति अकेला ही एक वन में रहता था, गलत कार्यों से उसने बहुत सा धन इकट्ठा किया। किसी कारण से वह सब धन जाता रहा। अब वह व्यक्ति बहुत चिंतित रहने लगा। किसी से पूछता कि ऐसा उपाय बताओं जिससे पृथ्वी में गड़ा धन मुझे मिले। …

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Shrimad Bhagwat Geeta Mahatmya Adhyay2

geeta ke 2 adhyay ka mahatmya

गीता के दूसरे अध्याय का महत्व श्री नारायण जी बोले-हे लक्ष्मी! दक्षिण देश में एक पूर्ण नाम नगर था। वहां एक देव सुशर्मा बड़ा धनवान रहता था, वह साधु सेवा करता था। जब साधु सेवा करते हुए बहुत दिन बीते, तब एक बाल नाम ब्रह्मचारी आया। जिसकी सुशर्मा ने बहुत सेवा की और विनय किया कि हे संतजी! कृपा मुझे …

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Shrimad Bhagwat Geeta Mahatmya Adhyay1

geeta ke 1 adhyay ka mahatmya

एक समय पार्वती जी ने पूछा है महादेव जी किस ज्ञान के बल पर संसार के सब लोग आपको शिव कहकर पूजते हैं। मृगछाला ओढ़े और अपने सभी अंगों में शमशान की विभूति लगाएं, गले में सर्प और नर मुंडों की माला पहने हुए हो। इनमें तो कोई भी पवित्र नहीं, फिर आप किस ज्ञान से पवित्र माने जाते हैं? …

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भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है…

एक बार एक रघु नाम का लडका था. उस के माता- पिता नहीं थे. मंदिर में ढोलकी बजा कर जो पैसे मिलते उस से अपना गुजारा करता. एक दिन जिस सेठ ने मंदिर बनवाया था उस की मृत्यु हो गई. और मंदिर का संचालन उसके बेटे के पास आ गया. जो विदेश से पढ़ कर आया था. उसने एक नियम …

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