अहम निर्विकल्पो, निराकार रूप, विभोर व्याप सर्वतरा, सर्वेयएंद्रिया
Read More »Hindu
भोलो जाई जैकर मुरलीवाले की bhole jaee jayakar muralee vaale kee
भोलो जाई जैकर मुरलीवाले की गौओ महिमा, सारे मिलके ..2 गोवर्धन गिरी-धरी की आगेया देखो, देखो सारे…जगा का पालन हरा रे.. जगा का पालन हरा कार्लो दर्शन एस्की भक्तो, मौका मिले ना दूभरा री.. मौका मिले ना दूभरा ||आगेया|| प्यारी प्यारी साब से न्यारी ..2 सूरत भके बिहारिकी… झूम झूम के नछो भक्तो पाना हो प्यार मुरारी का…2 डुंदो ई …
Read More »bhaaj maan bhaaje maan saadha hari ke naam
उसकी दया से बंजएँगे, तेरे बिगड़े काम जो कोई जोगिया, रंग लगाए.. सकल पड़ा..रात पे हरी नाम गुआन, सॅचा प्यारे धर्म भरा सू पे.. नारायण, नारायण जप्ते ..2 कारगया सारा काम [To English wish4me] Uski daya se banjayenge, tere bigade kaam Jo koyi jogiya, rang lagaye.. Sakal pada..rath payee Hari naam guan, sacha pyare Dharm bhara soo payee.. Narayan, Narayan …
Read More »बिना तुमहरे दर्शन के प्रभु
एह जीवन है आज अधूरा मिले टुमरे चरण धूलि प्रभु तो जीवन का, धर्मा हो पूरा एह जनमा तो, ऐसा बिता जैसे चटक, बिन बदल हो –आकिया साधा रही, प्रभु आइसो जैसे सुनी, बिन काजल हो भक्ति बिना है, जीवन आइसो बिना तार के, जस तंबूरा || दर्शन करने को, आकिया है बिन दर्शन के, आकिया कैसी –हरी के द्वार, …
Read More »भगवान शिव के लिए माता पार्वती ने किया था घोर तप
शिवपुराण में कथा है कि ब्रह्माजी के आदेशानुसार भगवान शंकर को वरण करने के लिए पार्वती ने कठोर तप किया था। ब्रह्मा के आदेशोपरांत महर्षि नारद ने पार्वती को पंचाक्षर मंत्र ‘शिवाय नमः’ की दीक्षा दी। दीक्षा लेकर पार्वती सखियों के साथ तपोवन में जाकर कठोर तपस्या करने लगीं। उनके कठोर तप का वर्णन शिवपुराण में आया है। माता-पिता की …
Read More »जानिए क्यों की जाती है मंदिर की परिक्रमा तथा क्या है इसका महत्त्व ?
ईश्वर की आराधना करने के तरीके अनेक हैं, इसमें पूरे विधि-विधान से पूजा करने से लेकर उपवास रख कर भी ईश्वर को प्रसन्न करने जैसी रीति है। लेकिन इसके अलावा भी एक और अंदाज है भगवान को याद करने तथा उनसे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का। यह तरीका है परिक्रमा का, जो किसी धार्मिक स्थल के ईर्द-गिर्द की जाती है। …
Read More »अब मुझे राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥ गूंजे मधुमय नाम की ध्वनि नाभि के धाम ह्रदय मस्तक कमल में राम राम श्री राम ॥ मुझे भरोसा राम का रहे सदा सब काल दीनबन्धु वह देव है हितकर दीन दयाल ॥ पकड़ शरण अब राम की सुदृढ निश्चय साथ तज कर चिंता मैं फिरूँ पा कर उत्तम नाथ ॥ अब मुझे राम …
Read More »करुणा सुनो श्याम मेरी
हे श्याम, श्याम, श्याम, श्याम, मेरे श्याम करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ करुणा सुनो श्याम मेरी, मैं तो होय रही चेरी तेरी, करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ दरसन कारन भयी बावरी, बिरह व्यथा तन घेरी, तेरे कारन जोगन हूँगी, दूंगी नगर बिच फेरी, कुञ्ज बन हेरी हेरी, करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ अंग बभूत गले मृग छाला, यूं तन भसम करूंगी, अजहूँ न मिल्या …
Read More »नाग पंचमी
नागों को हिन्दू धर्म में अहम स्थान दिया गया है। त्रिदेवों में से एक भगवान शिव के गले में स्थान पाने वाले नागों की हिन्दू धर्म में पूजा की जाती है। नागों की पूजा का विशेष पर्व “नाग पंचमी” है। स्कन्द पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से सारी मनोकामनाए पूर्ण होती हैं। कब मनाई जाती है नाग पंचमी …
Read More »रक्षाबंधन Rakshabandhan
हिन्दू पंचांगानुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन का एक-दूसरे के प्रति स्नेह, प्यार और अटूट विश्वास का प्रतीक है। राखी बांधने का शुभ समय (Raksha Bandhan Muhurat) हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण पूर्णिमा यानि रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ समय हैं।) विधि विधान (History and Vidhi of Raksha …
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