परम आदर्णीय माँ दुर्गा जी को चरण स्पर्श स्वीकार हो भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने बालीं माँ दुर्गा जी की सारे संसार में हरपल जय हो
Read More »Hindu
स्वामी परमानंद जी महाराज की वाणी
है आज नही तो कल नही परसो मतलब ये गया जैसे 40, 50 बर्ष गए जीवन के गए न 45,35 गए पता नही चल पाया अभी सुख की खोज में ही लगे हुऐ है सुख के साधनों को ही जुटा रहे हैं
Read More »गरीब का कोई रिश्तेदार नहीं होता
कपड़े में मैल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने भगवान से बातों में लगा हुआ था
Read More »श्री वृंदावन धाम का नज़ारा
जहां हर बच्चा राधा कृष्ण जी का स्वरुप है , जहां पढाई का पहला अक्षर भगवान् श्री हरी जी के नाम से है | यमुना जी का कल कल करता पानी, फल से लदे वृक्ष, फूलों के झुण्ड, भवरों की गुंजन, हरी नाम की रास लीलाओं के गान
Read More »AM और PM का उद्गगम भारत में
क्या आप जानते हैं की समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में ही हुआ था …?? लेकिन हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है : AM : Ante Meridian PM : Post Meridian एंटे यानि पहले, लेकिन किसके? पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके? यह कभी …
Read More »नए युग की शुरुआत
।ईस्ट इंडिया नाम की ब्रिटिश कंपनी लगभग पूरे विश्व पर राज करती थी। ब्रिटेन से सबसे बुरे पर प्रभावशाली लोग इस कंपनी के मलिक हुआ करते थे। एक टाइम में ब्रिटेन की ऑफिसियल सेना से दुगुनी बड़ी सेना इनके पास हुआ करती थी।
Read More »मूर्तिकार की कल्पना
मूर्तिकार की कल्पना, उंगलियों की जादूगरी, छेनी की हजारों चोट और रेती की घिसाई। और इस तरह महीनों की तपस्या के बाद वह मूर्ति उभरती है, जिसमें देवता निवास करते हैं। पर मूर्ति से देवता होने की प्रक्रिया भी इतनी सहज कहाँ… सोच कर देखिये, पूरा संसार बड़े बड़े पत्थरों, पहाड़ों से भरा हुआ है। बड़े बड़े पहाड़ तोड़ कर …
Read More »दारा सिंह v/s किंग कॉग
दारा सिंह, भारतीय सिनेमा और टेलीविज़न के अभिनेता, प्रोफेशनल पहलवान, फ़िल्म निर्देशक, और राजनीतिक व्यक्ति थे। वे बड़ी पुनेर्जीलीला पहलवान रहे हैं और उन्हें भारतीय पहलवानों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 19 नवंबर 1928 को धारमपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था और उनका नाम दीरा सिंह था। दारा सिंह ने अपने पहले बड़े अभिनय करियर का …
Read More »इंसानियत अभी तक जिंदा है
जूते पॉलिश करनेवालों के दल में आपसी प्रेम, सहयोग, एकता तथा मानवता की ऐसी ऊँचाई देखकर वे सज्जन चकित रह गये औऱ खुशी से उसकी पीठ थपथपाई…
Read More »पुरुषोतम मास/अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 18
नारद जी बोले – हे तपोनिधे! उसके बाद साक्षात् भगवान् बाल्मीकि मुनि ने राजा दृढ़धन्वा को क्या कहा सो आप कहिये ॥ श्रीनारायण बोले – वह राजर्षि दृढ़धन्वा अपने पूर्व-जन्म का वृ्त्तान्त सुनकर आश्चीर्य करता हुआ मुनिश्रेष्ठ बाल्मीकि मुनि से पूछता है ॥ दृढ़धन्वा बोला – हे ब्रह्मन्! आपके नवीन-नवीन सुन्दर अमृत के समान वचनों को बारम्बार पान कर भी मैं तृप्त …
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