गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। गोगाजी का राज्य सतलुज सें हांसी (हरियाणा) तक था। लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी …
Read More »Religious Places
उदार ह्दय का सबसे सुंदर उदाहरण
हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी में स्वामी श्रद्धानंद के पास दिल्ली से हकीम अजमल खां, डॉ. अंसारी और कुछ मुस्लिम धर्म के अनुयायी मिलने पहुंचे। गुरुकुल में एक बड़ी यज्ञशाला थी जिसमें उस समय संध्या वंदन और हवन आदि हो रहा था। मुस्लिम मित्र यज्ञशाला के पास खड़े आश्चर्य से हवन को देखते रहे। हवन समाप्त हुआ। स्वामीजी बड़े प्रेम से …
Read More »श्रीकृष्ण जी की के सात विशेष विग्रह (Seven special enunciations of Sri Krishna ji)
जय श्री कृष्णा जैसे की हम सब जानते हैं की वृंदावन वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अनेकों ही बाललीलाएं की और अनेकों ही राक्षसों का वध भी किया। यहां पर श्रीकृष्ण जी के विश्वप्रसिद्ध मंदिर भी हैं। आज हम आपको ऐसी ही श्रीकृष्ण जी की 7 चमत्कारी प्रतिमाओं के बारे में बताएँगे , जिनका संबंध वृंदावन से है। …
Read More »जानिए कौन सी गलती कर देता है अहंकारी
एक मूर्तिकार था। वह ऐसी मूर्तियां बनाता था, जो सजीव लगती थीं। लेकिन मूर्तिकार को अपनी इस कला पर अहंकार था। जब उसे लगने लगा कि उसकी मृत्यु आने वाली है तब उसने यमदूतों को भ्रम में डालने के लिए स्वयं की सजीव मूर्तियां बनाईं। उसने अपने जैसी करीब 10 मूर्तियां बनाईं और उन मूर्तियों के बीच में जाकर बैठ …
Read More »उत्तर शिवजी ही जानें
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की हमारे भारत में ऐसे शिव मंदिर भी है जो केदारनाथ से लेकर रामेश्वरम तक एक सीधी रेखा में बनाये गये है। हमें आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजों के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक था जिसे हम आज तक समझ ही नहीं पाये? उत्तराखंड का केदारनाथ, तेलंगाना का कालेश्वरम, आंध्रप्रदेश का कालहस्ती, तमिलनाडू का …
Read More »*नारी गहने क्यों पहनती हैं…….?*
*रामायण के अनुसार* भगवान राम ने धनुष तोड दिया था, सीताजी को सात फेरे लेने के लिए सजाया जा रहा था तो वह अपनी मां से प्रश्न पूछ बैठी, *‘‘माताश्री इतना श्रृंगार क्यों?’’* ‘‘बेटी विवाह के समय वधू का 16 श्रृंगार करना आवश्यक है, क्योंकि श्रृंगार वर या वधू के लिए नहीं किया जाता, यह तो आर्यवर्त की संस्कृति का …
Read More »बेट द्वारका हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात
बेट द्वारका से चार मील की दूरी पर मकर ध्वज के साथ में हनुमानजी की मूर्ति स्थापित है। कहते हैं कि पहले मकरध्वज की मूर्ति छोटी थी परंतु अब दोनों मूर्तियां एक सी ऊंची हो गई हैं। अहिरावण ने भगवान श्रीराम लक्ष्मण को इसी स्थान पर छिपा कर रखा था। जब हनुमानजी श्रीराम-लक्ष्मण को लेने के लिए आए, तब उनका …
Read More »गुड़गांव में हे माता शीतला का भव्य मंदिर
आप भी जाने इसकी महत्ता… प्राचीन शीतला माता मंदिर का इतिहास … गांवनाथूपुर के समीप अरावली की पहाड़ियों में शीतला माता की पत्थरनुमा तस्वीर उभरी थी। ग्रामीणों ने यहां पूजा-पाठ करना शुरू कर दिया था। मंदिर तक पहुंचने में अरावली पहाड़ियों तक पहुंचना भक्तों के लिए कठिन था। रास्ता कठिन होने की वजह से कुछ भक्तों ने यहां से शीतला …
Read More »चाहे दुःख हो या सुख हिसाब तो सबको देने ही होते हैं
एक सेठ जी बहुत ही दयालु थे । धर्म-कर्म में यकीन करते थे । उनके पास जो भी व्यक्ति उधार मांगने आता, वे उसे मना नहीं करते थे । सेठ जी मुनीम को बुलाते और जो उधार मांगने वाला व्यक्ति होता उससे पूछते कि भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में जो …
Read More »भगवान विष्णु के दस अवतार
राम अवतार श्रीहरि के जय–विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा …
Read More »