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Religious Places

कोरकू समुदाय

दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था। पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था। ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी झेल रहा देश अत्याचार सहते हुए खून के आंसू रो रहा था

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आप भी डायन

dayan-dadi

ग्यारह बजने को आए ... जाने कब दोपहर का खाना चढाऐगी चूल्हे पर .... और जाने कब खाने को मिलेगा

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तक़दीर और तदबीर

taqdeer-tabdeer

जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता था। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है, जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती

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कर्मा जरूर लौटता है

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एक बुजुर्ग आदमी भुख से व्याकुल था,वो एक तालाब पर जाता है और बड़ी मशक्कत से एक मछली पकड़ता है कि चलो इससे मैं भूख मिटा सकुंगा।

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 15

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 15

श्रीनारायण बोले :- सुदेवशर्म्मा ब्राह्मण हाथ जोड़कर गद्‌गद स्वर से भक्तवत्सल श्रीकृष्णदेव की स्तुति करता हुआ ॥ हे देव! हे देवेश! हे त्रैलोक्य को अभय देनेवाले! हे प्रभो! आपको नमस्कार है। हे सर्वेश्वर! आपको नमस्कार है, मैं आपकी शरण आया हूँ ॥ २ ॥ हे परमेशान! हे शरणागतवत्सल! मेरी रक्षा करो। हे जगत्‌ के समस्त प्राणियों से नमस्कार किये जाने वाले! हे …

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 11

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 11

नारदजी बोले:- सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस कुमारी ने किया वह हे महामुने! हमसे सुनाइये ॥ श्रीनारायण बोले अनन्तर ऋषि-कन्या ने भगवान्‌ शिव, शान्त, पंचमुख, सनातन महादेव को चिन्तन करके परम दारुण तप आरम्भ किया ॥ सर्पों का आभूषण पहिने, देव, नन्दी-भृंगी आदि गणों से सेबित, चौबीस तत्त्वों और तीनों गुणों …

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वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र

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विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यहीं है जो हमारे देश भारत में बना हुआ है । ये हमारा भारत जिस पर हमे गर्व होना चाहिये l

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मैं भी तो ब्राह्मण हूं

, जो एक जनेऊ हनुमान जी के लिए ले आये थे। संयोग से मैं उनके ठीक पीछे लाइन में खड़ा था, मेंने सुना वो पुजारी से कह रहे थे कि वह स्वयं का काता (बनाया) हुआ जनेऊ हनुमान जी को पहनाना चाहते हैं, पुजारी ने जनेऊ तो ले लिया पर पहनाया नहीं। जब ब्राह्मण ने पुन: आग्रह किया तो पुजारी बोले यह तो हनुमान जी का श्रृंगार है इसके लिए बड़े पुजारी (महन्त) जी से अनुमति लेनी होगी,

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वेद ही विज्ञान है

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सौरमण्डल में नौ ग्रह है व सभी सूर्य की परिक्रमा लगा रहे है, व बह्ममाण्ड अनन्त है, ये हमारे पूर्वजों को बहुत पहले से पता था। रामचरित्र मानस में काक भुशुंडि - गरुड संवाद पढ़िये, बह्ममाण्ड का ऐसा वर्णन है, जो आज के विज्ञान को भी नहीं पता।

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औरत पुरुष की हर परेशानी को हर लेती है

औरत, कुदरक का दिया हुआ वो वरदान है, जो जिंदगी मे आ जाये तो! अपने प्रेम की अमृत धारा से जीवन को प्रेम से भर देती है, हर जख्म पर प्यार का मरहम लगाकर जीवन संवार देती है!औरत का मन सागर की तरह गहरा होता है, जिसमे ना जाने कितने सुख, दुःख छुपाये रहती है, फिर भी अपने परिवार को …

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