राजपूताने की वीर मिट्टी में एक से बढ़कर एक वीर और साहसी महापुरुषों का जन्म हुआ जिन्होंने अपना पराक्रम चारों दिशाओं में दिखाया राजस्थान की धरा में मध्यकाल में शक्तिशाली चौहान राजपूतों का शासन था। 1166 ई. में जन्म हुआ राजपूत सम्राट पृथ्वीराज चौहान का जिन्होंने अल्पायु में ही अपनी वीरता से चारों दिशाओं में अपना नाम सिद्ध कराया।• पृथ्वीराज …
Read More »Religious Places
“मन्दिर का घण्टा बजाने वाला”
एक मन्दिर था। उसमें सभी लोग पगार पर थे। आरती वाला, पूजा कराने वाला आदमी, घण्टा बजाने वाला भी पगार पर था। घण्टा बजाने वाला आदमी आरती के समय, भाव के साथ इतना मसगुल हो जाता था कि होश में ही नहीं रहता था। घण्टा बजाने वाला व्यक्ति पूरे भक्ति भाव से खुद का काम करता था। मन्दिर में आने …
Read More »Tumne laakho ki bigdi bna di
तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी,श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो| ठोकरे खाई है इस जहां की,एक ठोकर तो तुम भी लगा दो,तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी,श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो| जग में हारे का तू है सहारा,दूसरा और कोई नही है,हार कर मैं भी आया हु दर पे,जीत का शरेह मुझे भी दिला दो,तुमने लाखो की बिगड़ी …
Read More »ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय शिव वाणी-210 चौरासी लाख योनियों में एक योनि मानव की है। मानव योनि में जन्म देने के लिए प्रभु परमात्मा को लाखों बार हाथ जोड़कर नमन किया जाए तो भी कम है। क्योंकि यही वह योनि है जिस योनि में मानव अपना उद्धार प्रभु चरण में पहुंचकर कर सकता है और किसी योनि में नहीं । बाकी …
Read More »जानिए गोगा जी के बारे में
गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। गोगाजी का राज्य सतलुज सें हांसी (हरियाणा) तक था। लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी …
Read More »उदार ह्दय का सबसे सुंदर उदाहरण
हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी में स्वामी श्रद्धानंद के पास दिल्ली से हकीम अजमल खां, डॉ. अंसारी और कुछ मुस्लिम धर्म के अनुयायी मिलने पहुंचे। गुरुकुल में एक बड़ी यज्ञशाला थी जिसमें उस समय संध्या वंदन और हवन आदि हो रहा था। मुस्लिम मित्र यज्ञशाला के पास खड़े आश्चर्य से हवन को देखते रहे। हवन समाप्त हुआ। स्वामीजी बड़े प्रेम से …
Read More »श्रीकृष्ण जी की के सात विशेष विग्रह (Seven special enunciations of Sri Krishna ji)
जय श्री कृष्णा जैसे की हम सब जानते हैं की वृंदावन वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अनेकों ही बाललीलाएं की और अनेकों ही राक्षसों का वध भी किया। यहां पर श्रीकृष्ण जी के विश्वप्रसिद्ध मंदिर भी हैं। आज हम आपको ऐसी ही श्रीकृष्ण जी की 7 चमत्कारी प्रतिमाओं के बारे में बताएँगे , जिनका संबंध वृंदावन से है। …
Read More »जानिए कौन सी गलती कर देता है अहंकारी
एक मूर्तिकार था। वह ऐसी मूर्तियां बनाता था, जो सजीव लगती थीं। लेकिन मूर्तिकार को अपनी इस कला पर अहंकार था। जब उसे लगने लगा कि उसकी मृत्यु आने वाली है तब उसने यमदूतों को भ्रम में डालने के लिए स्वयं की सजीव मूर्तियां बनाईं। उसने अपने जैसी करीब 10 मूर्तियां बनाईं और उन मूर्तियों के बीच में जाकर बैठ …
Read More »उत्तर शिवजी ही जानें
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की हमारे भारत में ऐसे शिव मंदिर भी है जो केदारनाथ से लेकर रामेश्वरम तक एक सीधी रेखा में बनाये गये है। हमें आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजों के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक था जिसे हम आज तक समझ ही नहीं पाये? उत्तराखंड का केदारनाथ, तेलंगाना का कालेश्वरम, आंध्रप्रदेश का कालहस्ती, तमिलनाडू का …
Read More »*नारी गहने क्यों पहनती हैं…….?*
*रामायण के अनुसार* भगवान राम ने धनुष तोड दिया था, सीताजी को सात फेरे लेने के लिए सजाया जा रहा था तो वह अपनी मां से प्रश्न पूछ बैठी, *‘‘माताश्री इतना श्रृंगार क्यों?’’* ‘‘बेटी विवाह के समय वधू का 16 श्रृंगार करना आवश्यक है, क्योंकि श्रृंगार वर या वधू के लिए नहीं किया जाता, यह तो आर्यवर्त की संस्कृति का …
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