एक बाज का जोड़ा अपने दो छोटे बच्चों के साथ एक घने जंगल में एक ऊँचे पेड़ में घोंसला बना कर रहता था।चूंकि बच्चे छोटे थे।इसीलिए नर बाज अपने दो बच्चों को रोज अपनी पीठ में बिठा कर सुरक्षित स्थान पर ले जाता था।ताकि दोनों बच्चे सुरक्षित होकर दिनभर दाना चुक सके।और शाम होते ही उन्हें फिर से अपनी पीठ …
Read More »Gyan Shastra
अहंकार का दुष्परिणाम !!
द्रोणाचार्य एक दिन अपने पुत्र अश्वत्थामा को दूध के लिए रोते देख द्रवित उठे।उस समय द्रोणाचार्य की माली हालत ठीक नहीं थी।ऐसे में उन्हें अपने परम मित्र राजा द्रुपद को याद आयी। राजा द्रुपद और द्रोणाचार्य गुरुकुल में सहपाठी थे।द्रोणाचार्य ने सोचा कि यदि वह राजा द्रुपद के पास जाकर उनको अपनी स्थिति से अवगत कराएं।वो शायद राजा द्रुपद उनकी कुछ …
Read More »अनूठी करुणा !!
महर्षि च्यवन परोपकारी संत थे।वह कहा करते थे कि मूक जीवों के प्रति दया करना सर्वोपरि धर्म है । महर्षि अपने आश्रम में बैठकर स्वयं पक्षियों को दाना चुगाया करते थे।और गौ माता की सेवा किया करते थे।एक बार महर्षि नदी की गहराई में जल के भीतर बैठकर मंत्र जाप कर रहे थे। इतने में कुछ मछुआरे वहां आये। और …
Read More »बेटे का फर्ज !!
प्रदीप रविवार को अपना पूरा दिन अपने परिवार के साथ बिताना पसंद करते हैं। उनका पूरा दिन अपने माँ बाप ,बच्चों व पत्नी के साथ हंसी मजाक करने तथा पसंद की चीजें खाने पीने में ही गुजर जाता है।रविवार होने की वजह से प्रदीप आराम से अपने घर में बैठकर इन फुर्सत के पलों में अपनी पसंद की फिल्म देख …
Read More »प्रणाम का महत्व !!
महाभारत का युद्ध चल रहा था।एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर भीष्म पितामह घोषणा कर देते हैं कि “मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा”। उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई। भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था।इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए। तब श्री कृष्ण …
Read More »मन का सौंदर्य !!
भगवान बुद्ध के शिष्य उपगुप्त परम सदाचारी थे।वह भिक्षुओं से कहते थे कि प्रेम और संयम ही भौतिक व आध्यात्मिक विकास के साधन हैं।समाज द्वारा बहिष्कृत लोगों से प्रेम करनेवाला ही सच्चा धार्मिक है। एक दिन एक अति सुंदरी उपगुप्त के पास पहुंची। उपगुप्त उसे देख आकर्षित हो गए।परन्तु उसी समय उन्हें बुद्ध के वचन याद आए कि शारीरिक सौंदर्य …
Read More »सेवा परमो धर्म: !!
कैकेय देश के राजा सहस्रचित्य परम प्रतापी , दयालु तथा धर्मपरायण थे।वो पशु- पक्षियों में भी भगवान के दर्शन करते थे।वह सुबह का समय भगवान के भजन और शास्त्रों के अध्ययन में बिताते थे।दोपहर से शाम तक राज- काज देखते थे। और शाम होते ही वेश बदलकर प्रजा की सेवा के लिए निकल जाते थे। वो प्रतिदिन अपने हाथों से …
Read More »सपनो को पूरा करने की कथा !!
दोस्तो यह कहानी भारत के एक छोटे से और अत्यंत खूबसूरत पर्वतीय प्रदेश शिलाग में रहने वाली महिला की है। और शिलांग को अक्सर पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता था। उस महिला को जब इस बात का पता चला तो समय उसकी आयु 12 वर्ष की थी। उसके बाद से उसके मन यह हार्दिक इच्छा थी की वह स्कॉटलैंड जाकर …
Read More »सकारात्मक पहलू !!
दोस्तो यह तब की है जब Motivational Speaker bhupendra singh Rathod जी की मां कॉलेज में पढ़ा करती थी। और यह सच्ची कहानी उनके बेस्ट सेलर बुक बदले अपनी सोच तो बदलेगा जीवन किताब से ही ली गई है। इसलिए इस कहानी को अंत तक ध्यान से जरूर पढ़िए। उनके मां के घर के पीछे एक छोटी पहाड़ी थी जहा …
Read More »मान्यता !!
एक बार की बार है, एक बुद्धिमान भिक्षु था। उसने अनेक भिक्षुओं ने शिक्षा ग्रहण की थी और वे भी उसके साथ ही रहते थे। उस भिक्षु के पास एक पालतू बिल्ली थी, जिसे वह बहुत प्रेम करता था। जब भी वह भिक्षु और उसके साथी ध्यान लगाने के लिए बैठते थे, तो वह बिल्ली को अपने पास बांध कर …
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