द्रौपदी और श्रीकृष्ण के बीच एक गहरी बातचीत, महाभारत के युद्ध के अनुभवों पर ध्यान देने वाली एक कहानी। शब्दों के प्रभाव को समझते हुए धर्म और...
Read More »love
एक गलत कदम
एक लड़की के पास Facebook पर, एक लड़के की Friend Request आई पहले तो लड़की सोचती है की रिक्वेस्ट को डिलीट कर दूं पर फिर सोचती है कि एक बार.....
Read More »शब्द का संबोधन
सागर द्वारा श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का संबोधनपिछले अंक में सागर ने श्रीराम के लिए ' प्रभु ' तथा ' नाथ ' शब्द का दो बार...
Read More »पूनम पांडे की मौत या अफवाह
पूनम पांडे (11 मार्च 1991 – 1 फरवरी 2024) भारतीय मॉडलिंग और फिल्म जगत की एक प्रसिद्ध हस्ती थीं, जिन्होंने विशेष रूप से अपनी बोल्ड भूमिकाओं के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की। उनका फिल्मी सफर 2013 में फिल्म ‘नशा’ के साथ शुरू हुआ था। यूपी के बिजनेसमैन की बेटी कैसे बनी मुंबई की बोल्ड एक्ट्रेस, एक बयान से रातों-रात फेमस हो …
Read More »बारिश की कहानी लिखती कलम
हिन्दी के कवियों ने बरसात के मौसम का वर्णन अपनी कविताओं में बेहद सुंदरता से किया है। यह ऋतु जीवन को नई ऊर्जा देती है और प्रकृति को हरा-भरा बना देती है।
Read More »अधिकार सबका है बराबर
फूल पर हँसकर अटक तो, शूल को रोकर झटक मत, ओ पथिक ! तुझ पर यहाँ अधिकार सबका है बराबर ! बाग़ है ये, हर तरह की वायु का इसमें गमन है, एक मलयज की वधू तो एक आँधी की बहन है, यह नहीं मुमकिन कि मधुऋतु देख तू पतझर न देखे, कीमती कितनी कि चादर हो पड़ी सब पर …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 11
नारदजी बोले:- सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस कुमारी ने किया वह हे महामुने! हमसे सुनाइये ॥ श्रीनारायण बोले अनन्तर ऋषि-कन्या ने भगवान् शिव, शान्त, पंचमुख, सनातन महादेव को चिन्तन करके परम दारुण तप आरम्भ किया ॥ सर्पों का आभूषण पहिने, देव, नन्दी-भृंगी आदि गणों से सेबित, चौबीस तत्त्वों और तीनों गुणों …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 10
दुर्वासा ऋषि बोले,:- हे सुन्दरि! गुप्त से भी गुप्त उपाय मैं तुझसे कहता हूँ। यह विषय किसी से भी कहने योग्य नहीं है, तथापि तेरे लिये तो मैंने ये विचार ही लिया है। मैं विस्तार पूर्वक न कहकर तुझसे संक्षेप में कहता हूँ। हे सुभगे! इस मास से तीसरा मास जो आवेगा वह पुरुषोत्तम मास है। इस मास में तीर्थ …
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 9
श्रीनारायण बोले :- अपने पिता को स्मरण करते-करते और बराबर शोक करते-करते उस घर में कुछ काल उस कन्या का व्यतीत हुआ ॥ ३ ॥ सिंह से भागती हिरणी की तरह घबड़ाई हुई, सुने घर में रहनेवाली, दुःखरूप अग्नि से उठी हुई भाप द्वारा बहते हुए अश्रुनेत्र वाली, जलते हुए हृत्कमल वाली, दुःख से प्रतिक्षण गरम श्वास लेनेवाली, अतिदीना, घिरी हुई …
Read More »रफ़ी साहब और किशोर दा
"रफ़ी साहब" और "किशोर दा" की मित्रता से जुड़े कुछ दुर्लभ तथ्य:
Read More »