पुराने समय की बात है। एक राजा बहुत ही निर्दयी था। उसके यहां अनेेक गुलाम थे और वह अपने गुलामों के साथ बुरा व्यवहार करता था ।एक बार एक गुलाम ने चोरी से एक फल खा लिया ।गुलाम अभी छोटा सा लड़का ही था। लेकिन राजा ने उसे कठोर दंड देने का निश्चय किया ।दंड के भय से वह गुलाम …
Read More »Panchatantra
अमीरी दिल से आती है – बिल गेट्स !!
दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति बिल गेट्स को कौन नहीं जनता हैं।एक दिन बिल गेट्स से किसी ने पूछा “इस दुनिया में आपसे भी अमीर कोई है ? “। बिल गेट्स ने कहा “हां !! एक व्यक्ति है।जो मुझ से भी ज्यादा अमीर हैं “।अब वह व्यक्ति हैरान था।क्योंकि आंकड़ों के हिसाब से तो बिल गेट्स ही सबसे धनी व्यक्ति …
Read More »ईमानदारी सबसे बड़ी पूँजी !!
यह बात सन 1965 की है।जब लाल बहादुर शास्त्री जी अपने देश के प्रधानमंत्री थे।एक दिन शास्त्री जी कपड़े की मिल देखने गए।शास्त्री जी के साथ मिल मालिक , उनके मंत्रिमंडल के कुछ सदस्य व उच्च अधिकारी भी थे। मिल देखने के बाद शास्त्री जी कपड़े की मिल के गोदाम में गए।जहां पर उन्होंने मिल मालिक से कुछ साड़ियां दिखाने के …
Read More »प्रथम पूज्यनीय माँ !!
स्वामी विवेकानंद एक बार किसी काम से अमेरिका गए हुए थे।जब वो एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे।तभी उनके पास एक अंग्रेज आया और बोला “आपके देश में मां को भगवान से भी ऊंचा दर्जा क्यों दिया जाता है?”। विवेकानंद मंद-मंद मुस्कराये और अंग्रेज से बोले “पास पर एक बड़ा पत्थर पड़ा है उसे ले आओ”। अंग्रेज दौड़ा-दौड़ा गया …
Read More »करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान !!
एक बाज का जोड़ा अपने दो छोटे बच्चों के साथ एक घने जंगल में एक ऊँचे पेड़ में घोंसला बना कर रहता था।चूंकि बच्चे छोटे थे।इसीलिए नर बाज अपने दो बच्चों को रोज अपनी पीठ में बिठा कर सुरक्षित स्थान पर ले जाता था।ताकि दोनों बच्चे सुरक्षित होकर दिनभर दाना चुक सके।और शाम होते ही उन्हें फिर से अपनी पीठ …
Read More »अहंकार का दुष्परिणाम !!
द्रोणाचार्य एक दिन अपने पुत्र अश्वत्थामा को दूध के लिए रोते देख द्रवित उठे।उस समय द्रोणाचार्य की माली हालत ठीक नहीं थी।ऐसे में उन्हें अपने परम मित्र राजा द्रुपद को याद आयी। राजा द्रुपद और द्रोणाचार्य गुरुकुल में सहपाठी थे।द्रोणाचार्य ने सोचा कि यदि वह राजा द्रुपद के पास जाकर उनको अपनी स्थिति से अवगत कराएं।वो शायद राजा द्रुपद उनकी कुछ …
Read More »अनूठी करुणा !!
महर्षि च्यवन परोपकारी संत थे।वह कहा करते थे कि मूक जीवों के प्रति दया करना सर्वोपरि धर्म है । महर्षि अपने आश्रम में बैठकर स्वयं पक्षियों को दाना चुगाया करते थे।और गौ माता की सेवा किया करते थे।एक बार महर्षि नदी की गहराई में जल के भीतर बैठकर मंत्र जाप कर रहे थे। इतने में कुछ मछुआरे वहां आये। और …
Read More »बेटे का फर्ज !!
प्रदीप रविवार को अपना पूरा दिन अपने परिवार के साथ बिताना पसंद करते हैं। उनका पूरा दिन अपने माँ बाप ,बच्चों व पत्नी के साथ हंसी मजाक करने तथा पसंद की चीजें खाने पीने में ही गुजर जाता है।रविवार होने की वजह से प्रदीप आराम से अपने घर में बैठकर इन फुर्सत के पलों में अपनी पसंद की फिल्म देख …
Read More »प्रणाम का महत्व !!
महाभारत का युद्ध चल रहा था।एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर भीष्म पितामह घोषणा कर देते हैं कि “मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा”। उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई। भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था।इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए। तब श्री कृष्ण …
Read More »मन का सौंदर्य !!
भगवान बुद्ध के शिष्य उपगुप्त परम सदाचारी थे।वह भिक्षुओं से कहते थे कि प्रेम और संयम ही भौतिक व आध्यात्मिक विकास के साधन हैं।समाज द्वारा बहिष्कृत लोगों से प्रेम करनेवाला ही सच्चा धार्मिक है। एक दिन एक अति सुंदरी उपगुप्त के पास पहुंची। उपगुप्त उसे देख आकर्षित हो गए।परन्तु उसी समय उन्हें बुद्ध के वचन याद आए कि शारीरिक सौंदर्य …
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