मासूम बचपनमेरी पोती अपने होने वाले भाई या बहन का बेसब्री से इंतजार कर रही थी, रोज़ मुझसे पूछती…. दादी, छोटू बेबी कब आएगा…. और मैं उससे कहती, जब हम हॉस्पिटल जाएंगे जब, तब वो पूछती…..”. क्या मिलेगा भैया या बहनियां.”….. तब मैं उससे कहती..” भगवान हॉस्पिटल में डॉक्टर आंटी को बेबी दे जाएंगे और वो हमें देंगी तब पता …
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और जिंदगी चल पड़ी…….।
और जिंदगी चल पड़ी…….।समीर को अपने ऑफिस में काम करते हुए लगभग पंद्रह साल हो चुके थे।एक ही तरह की उबाऊ ज़िंदगी से वह तंग आ चुका था। हर दिन कंपनी के नए टारगेट और डेडलाइंस, अपने सीनियर्स से बात बेबात बेइज्जत होना,कलीग्स का एक दूसरे की टांग खींचना और बेहतरीन काम करने पर भी प्रोमोशन को भीख की तरह …
Read More »सफल राष्ट्रपति लिंकन की विनम्रता
विनम्रता का परिचयलोकतंत्र के महान समर्थक अब्राहम लिंकन एक बार अपने गांव के नजदीक एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। भाषण के बीच एक महिला खड़ी होकर बोली – ‘अरे, यह राष्ट्रपति है? यह तो हमारे गांव के मोची का लड़का है।’अपने प्रति ये अपमानजनक शब्द सुनकर लिंकन ने बड़े ही विनम्र शब्दों में उस महिला से कहा, ‘मैडम! …
Read More »हर समाज के लिए विचारणीय
(1) आज काफी लड़कियों के माँ- बाप अपनी बेटियों की शादी में बहुत विलंब कर रहे हैं उनको अपने बराबरी के रिश्ते पसंद नहीं आते और जो बड़े घर पसंद आते हैं उनको लड़की पसंद नहीं आती,शादी की सही उम्र 20 से 25 होती है। आज माँ-बाप ने और अच्छा करते-करते उम्र 30 से 36 कर दी है,जिससे उनकी बेटियों …
Read More »ईमानदार ड्राईवर
रामू एक बहुत ईमानदार और मेहनती युवक था। वह बहुत हंसमुख और मधुर स्वाभाव का व्यक्ति था। एक दिन रामू एक किराने की दुकान पर गया।वहां सिक्का डालने वाला सार्वजनिक फ़ोन लगा था। रामू ने सिक्का डाला और एक नम्बर डायल किया।ट्रिंग-ट्रिंग..ट्रिंग-ट्रिंग…. किसी ने फ़ोन उठाया।रामू बोला, “ हेलो सर… नमस्ते, मैंने सुना था कि आपको एक ड्राईवर की आवश्यकता …
Read More »एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका
एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका थीं वह कक्षा 5 की क्लास टीचर थी, उसकी एक आदत थी कि वह कक्षा मे आते ही हमेशा “LOVE YOU ALL” बोला करतीं थी।मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं बोल रही ।वह कक्षा के सभी बच्चों से एक जैसा प्यार नहीं करती थीं।कक्षा में एक ऐसा बच्चा था …
Read More »धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का
एक बार कक्षा दस की हिंदी शिक्षिका अपने छात्र को मुहावरे सिखा रही थी। तभी कक्षा एक मुहावरे पर आ पहुँची “धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ”, इसका अर्थ किसी भी छात्र को समझ नहीं आ रहा था। इसीलिए अपने छात्र को और अच्छी तरह से समझाने के लिए शिक्षिका ने अपने छात्र को एक कहानी …
Read More »प्रेम पवित्र है पूजनीय है इसे कलंकित मत करो .
गली मोहल्ले चौराहे पर बैठकर दोस्तो के बीच मदस्मत होकर अपनी अय्याशी की वीरगाथा सुनाते महानुभावों से अनुरोध है कि इसे पढ़ें.. कभी कभी एक से अधिक स्त्री के साथ प्रेम का स्वांग रचने वाला पुरूष खुद को बड़ा चालाक और सक्षम समझता है उसे ऐसा लगता है जैसे एक से अधिक स्त्रियों के साथ प्रेम प्रसंग करके उसने बहुत …
सन्यासी की प्रतीक्षा
एक वृद्ध सन्यासी ओंकारेश्वर क्षेत्र में एक गुफा के भीतर तपस्यारत था। शरीर की अवस्था अब ऐसी न थी कि वह यात्राएं कर सकें। सन्यासी का प्रभाव ऐसा था कि जो जंगली पशु सदा हिंसक रहते, वे गुफा के समीप आते ही शांत हो जाते। सन्यासी का सारा समय ध्यान में गुजरता, उसे प्रतीक्षा थी किसी के आगमन की। उसे …
Read More »धर्म और राजनीति दोनों को अलग अलग
जब बाबा साहेब हिन्दू_कोड_बिल तैयार रहे थे तब बनारस के सबसे बड़े धर्मगुरु करपात्री महाराज ने बाबा साहेब को बहस करने की चुनौती दे डाली। उस महाराज ने कहा डॉ अम्बेडकर एक अछूत है, वे क्या जानते हैं हमारे धर्म के बारे मे, हमारे ग्रन्थ और शास्त्रों के बारे में, उन्हें कहाँ संस्कृत और संस्कृति का ज्ञान है? यदि उन्होंने …
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