स्वामी विवेकानंद शिकागो में व्याख्या देने के बाद अमेरिका में उदार मानव धर्म के वक्ता के रूप में प्रसिद्ध हो गए। वहां स्वामी जी वेदांत दर्शन पर प्रवचन दिया करते थे। इस संबंध में उनका प्रवास अमेरिका के उन अंदरूनी इलाकों में भी होता था, जहां धर्मांध और संकीर्ण विचारधारा के लोग रहते थे।
एक बार स्वाम जी एक ऐसे ही क्षेत्र में व्याख्या के लिए बुलाया गया, जहां के लोग अत्यंत संकुचित मानसिकता रखते थे। एक खुले मैदान में लकड़ी के बक्सों को जमाकर मंच बनाया गया।
स्वामी जी उस पर खड़े होकर वेदांत, योग और ध्यान की व्याख्या करने लगे। लोग उनकी बातों को गौर से सुन रहे थे। थोड़ी देर बाद उन्हीं लोगों में से कई लोगों ने बंदूकें निकाल लीं और स्वामी जी पर गोलियां बरसाने लगे। नीचे रखे लकड़ी के बक्से छलनी हो गए।
लेकिन स्वामी जी धाराप्रवाह तरीके से अपना भाषण देते रहे। उन्हें थोड़ा सा भी डर नहीं लगा। तब गोली चलाने वाले लोगों ने पूछा, आप जैसा व्यक्ति हमने पहले कभी नहीं देखा। हम आप पर निशाना लगा रहे थे। जरा सी चूक हो जाती तो आप मर भी सकते थे।तब स्वामी जी ने कहा, जब में व्याख्यान दे रहा था तो मुझे बाहरी वातावरण का ज्ञान नहीं था। मेरा चित्त योग, वेदांत और ध्यान की गहराइयों में था।
संक्षेप में
आशय यह है कि मन के एकाग्र होने पर ऐसी शक्तियां विकसित होती हैं जो परा मानवीय लगती हैं। ऐसे में उन चीजों को समझने की दृष्टि मिलती है। जिससे मन भय और दुर्बलता से छुटकारा पा जाता है।
एकाग्रचित्त होकर किया गया कार्य ऐसे पूर्ण होता है, जैसे अज्ञात रूप से मानव की सहायता कर रहा हो, इस प्रकार एकाग्रता ही ध्यान और योग की पहली सीढ़ी है।
Hindi to English
Swami Vivekananda became famous as the speaker of liberal human religion in the US after giving an explanation in Chicago. There Swamiji used to give a lecture on Vedanta philosophy. In this regard, they were also in the interior areas of America, where fanatics and narrow ideology lived.
Once Swam Ji was called for interpretation in a similar field, where people had a very narrow mindset. A platform was created by placing wooden boxes in an open field.
Swami Ji stood up on him and started explaining Vedanta, Yoga and meditation. People were listening carefully to their point of view. After a while, many of those people took out guns and started firing guns on Swamiji. The wooden boxes placed below were squeezed.
But Swamiji kept giving his speech fluently. They did not fear anything at all. Then the people who shot the pistol asked, the person you have never seen before. We were targeting you. If there was a slight mistake, you could have died. Then Swamiji said, when I was giving lectures, I did not have the knowledge of the external environment. My mind was in the depths of yoga, Vedanta and meditation.
in short
The intent is that when the mind is concentrated, such forces develop that which seems like a human. In such a way, there is a sight to understand those things. Whereby the mind gets rid of fear and weakness.
The concentrated work is done like this, as it is helping an unknown man, thus concentration is the first stair of meditation and yoga.