गोविन्द मदन मुरारी ओ मोहन गिरधारी,
रख लेना लाज हमारी ओ मोहन गिरधारी
गोविन्द मदन मुरारी ओ मोहन गिरधारी,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
मीरा तेरी प्रेम दीवानी जोगन हो गई मेहल की रानी
पड़ी हु शरण तिहारी ओ मोहन गिरधारी,
गोविन्द गोविन्द गोपाल जय जय
अर्जुन को सीख दी तुमने
पांड्वो को जीत दी तुमने,
सारथी बने पनवारी
ओ मोहन गिरधारी,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
मुरली धुन तूने एसी बजाई
गोपियों ने सुध विस्राई
खो गए ब्रिज नर नारी
ओ मोहन गिरधारी……….