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मुझे हर रोगी में दिखाई देते हैं प्रभु यीशू

मुझे हर रोगी में दिखाई देते हैं प्रभु यीशू
मुझे हर रोगी में दिखाई देते हैं प्रभु यीशू

प्रख्यात समाज सेविका और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा से एक बार पत्रकार खुशवंत सिंह ने सवाल किया, ‘मदर’, मुझे बताइए कि कोढ़ और गैंग्रीन जैसे घिनौने रोग वाले रोगियों को छूने का अभ्यास आपने कैसे किया ?

पत्रकार की आंखों में झांकते हुए मदर ने निर्विकार भाव से उत्तर दिया, मैं हर इंसान में प्रभु यीशू को देखती हूं। उनकी सेवा करने से पहले मैं अपने आप से कहती हूं, यह भूखा यीशू है, मुझे इसे खाना खिलाना चाहिए।

यह बीमार यीशू है। इस बीमार यीशू को मुझे धोना साफ करना है। मैं उनकी सेवा करती हूं। क्योंकि यीशू को स्नेह करती हूं।

In English

Once a respected social worker and Nobel Peace Prize awarded to Mother Teresa, Khushwant Singh, a journalist, asked, “Mother, tell me how did you practice touching patients with such abusive diseases like leprosy and gangrene?”

In the eyes of the journalist, the mother replied with pessimism, I look at the Lord Jesus in every human being. Before serving them, I say to myself, this is the hungry Jesus, I should feed it.

This is sick Jesus. This sick Jesus has to wash me clean. I serve them. Because I love Jesus.

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