राधा संग जो यमुना तट पे रास रचाता है
ग्वाल बाल संग चोरी चोरी माखन खाता है
जिसका मुखड़ा चाँद का टुकड़ा छवि बेजोर कन्हियाँ की
मैं तो हुई दीवानी सुन लो जी चित चोर कन्हियाँ की,,,,,,
तेरी बांकी टेडी चितवन कान्हा हम पे जादू डाल गई
जब से देखा तुम को छलिये दिल ये अपना हार गई
मैं यहा भी देखू दिखे छवि हर और कन्हिया की
मैं तो हुई दीवानी सुन लो जी चित चोर कन्हियाँ की,,,,,
सझ धज कर नटखट नैंनों के तीर चलता है
फिर बांकी अदा से मंद मंद ऐसे मुस्काता है
एक नजर करे घ्याल माखन चोर कन्हिया की
मैं तो हुई दीवानी सुन लो जी चित चोर कन्हियाँ की,,,,,
जिस के अधरों पे रहती मुरली जादू गारी
भीम सेन जिस की दीवानी है दुनिया सारी,
सब झूमे जब मुरली बाजे घन घोर कन्हिया की
मैं तो हुई दीवानी सुन लो जी चित चोर कन्हियाँ की,,,,,,,,,,,,