आँगन को सुखद बनाने वाली सरिता जी ने अपने खराब अमरूद के पेड़ की सेवा करते हुए प्यार से बच्चों को पाला, जिससे उन्हें ना सिर्फ खुशी मिली, बल्कि एक दिन उस पेड़ ने उनकी जान बचाई। इस दिलचस्प कहानी में रिश्तों की महत्वपूर्णता को छूने का संदेश है।
Read More »Tag Archives: आत्मनिर्भरता
चतुर चालाक कुटिल
चतुर,चालाक, कुटिल,फरेबी इंसान को साधारण बुद्धि वाले स्त्री पुरूष नहीं समझ सकते और उनकी बातों में आ जाते हैं!
Read More »बैसाखी बीमा की
अनवरत प्रयास के बाद भी प्रीति के मानष पटल से वह घटना हट नहीं पा रही थी, जब उसका जीवन साथी पीयूष, दो अबोध बच्चों का लालन-पालन तथा दो वृद्ध जन अर्थात माँ-पिताजी की सेवा-शुश्रूषा, देखभाल की जिम्मेदारी छोड़, परमात्मा के चरण शरण को चला गया। यूँ तो पिछले चार-पाँच माह से पीयूष रोगग्रस्त था पर प्रीति के मन में …
Read More »जिन्दगी की तलाश में हम
कालिंदी बेचारी ज्यादा पढ़ी लिखी तो नही थी पर !!! उस बेचारी ने बहुत कोशिश की थी कि उसके बच्चे पढ़ लिखकर उसका और उसके कुल खानदान का नाम बढ़ाएं…कालिंदी का पति बेचारा श्याम बिल्कुल “” श्याम “” जैसा ही सीधा और भोला था…उसे दुनिया की चालाकियां और चतुराई न समझ में आती थी और ना ही वह वैसा बनना …
Read More »मकड़ी की कहानी
शहर के एक बड़े संग्रहालय के बेसमेंट में कई पेंटिंग्स रखी हुई थी। ये वे पेंटिंग्स थीं, जिन्हें प्रदर्शनी कक्ष में स्थान नहीं मिला था।लंबे समय से बेसमेंट में पड़ी पेंटिंग्स पर मकड़ियों ने जाला बना रखा था
Read More »ज्यादा अच्छे मत बनो, नहीं तो हमेशा दुखी रहोगे
मानव स्वभाव पर बुद्ध कहानी आचार्य चाणक्य ने कहा था कि इंसान को ज्यादा सीधा भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर हम जंगल में जाकर देखे तो, जान पाएंगे की सीधे पेड काट दिए जाते हैं जबकि टेढे मेढे पेड छोड दिए जाते हैं। तो आज की हमारी ब्लॉग पोस्ट भी इसी बारे में है कि ज्यादा अच्छा बना बुरा …
Read More »बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल
किंतु अम्मा ही बाबूजी को यह कह कर रोक देती थी कि 'कहाँ वहाँ बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल देने चलेंगे। यहीं ठीक है। सारी जिंदगी यहीं गुजरी है और जो थोड़ी सी बची है उसे भी यहीं रह कर काट लेंगे। ठीक है न!'
Read More »चेहरा और मन
मोहन की रहस्यमय जीवन की रोमांचक यात्रा का अन्वेषण करें, जो एक शांत और रहस्यमय व्यक्ति है। उसके जीवन के जटिलताओं और किए गए गहरे निर्णयों का पर्दाफाश करें। मानव अस्तित्व की गहराईयों में घुमकर देखें, जहां किसी को समझना अनुमानों से परे जाता है,
Read More »घण्टी काम आयेगी
रात को बेटा बहू उस कमरे मे गये! साथ मे उनका बेटा भी था! बहू बोली बहुत गंदा हो गया था कमरा! सांस लेने मे मुश्किल हो रही थी!
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