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Tag Archives: चातुर्मास

तप अनुमोदन

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तप के मार्ग का अनुसरण करने वाले हठ मनोबली शूरवीर होते है । तप से मन का कायाकल्प होता है । तपस्या की महिमा अपरंपार है, जो हमें मुक्ति के द्वार लेकर जाती है

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चातुर्मास और आयुर्वेद का संबंध

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चातुर्मास में मांसाहार भोजन, मदिरा, पत्तेदार सब्जियां और दही से परहेज करना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों चातुर्मास में इन चीजों का सेवन वर्जित माना गया है. इस बारे में आयुर्वेद में बताया गया है कि, चातुर्मास के चार महीने में मौसम में बदलाव होते हैं. सावन में बारिश होती है, भाद्रपद में आद्रता या नमी …

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कर्क संक्रांति

कर्क संक्रांति का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। भगवान सूर्यदेव का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है और जब भगवान सूर्यदेव कर्क राशि में प्रवेश करता है तो इसे कर्क संक्रांति कहते है।  कर्क संक्रांति के दिन पूजा, जप, दान का बड़ा ही महत्व है। इस दिन किये गए दान-पुण्य से कई गुना फल …

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देवशयनी एकादशी व्रत

पद्म पुराण के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘देवशयनी’ एकादशी कहा जाता है। देवशयनी या देवदेवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरूआत मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन से भगवान विष्णु सोने चले जाते हैं और कार्तिक माह में जागते हैं। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किया जाता। देवशयनी …

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