मानव स्वभाव पर बुद्ध कहानी आचार्य चाणक्य ने कहा था कि इंसान को ज्यादा सीधा भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर हम जंगल में जाकर देखे तो, जान पाएंगे की सीधे पेड काट दिए जाते हैं जबकि टेढे मेढे पेड छोड दिए जाते हैं। तो आज की हमारी ब्लॉग पोस्ट भी इसी बारे में है कि ज्यादा अच्छा बना बुरा …
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महात्मा बुद्घ का सत्संग
एक बार किसी गांव में महात्मा बुद्घ का सत्संग हुआ। सब इस होड़ में लग गए कि क्या भेंट करें?सुदास नाम का एक मोची था। उसने देखा कि मेरे घर के बाहर के तालाब में एक कमल खिला है। उसकी इच्छा हुई कि आज नगर में महात्मा बुद्घ आए हैं। सब लोग तो उधर ही गए हैं, तो आज यह …
Read More »इस तरह कीजिए आत्मज्ञान का सदुपयोग
महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले, वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूर्ण हो चुके हो, तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्यसंदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो। महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वह मायूस हो गए। वह बोले, गुरुदेव, यदि मुझे पहले ही पता …
Read More »शिक्षाप्रदकहानियां- बुरे समय में खुद को रखे शांत !
शाम का समय था। महात्मा बुद्ध एक शिला पर बैठे हुए थे। वह डूबते सूर्य को एकटक देख रहे थे। तभी उनका शिष्य आया और गुस्से में बोला, “गुरुजी” “रामजी” नाम के जमींदार ने मेरा अपमान किया है। आप तुरंत चलें, उसे उसकी मूर्खता का सबक सिखाना होगा। महात्मा बुद्ध मुस्कुराकर बोले, प्रिय तुम बौद्ध हो, सच्चे बौद्ध का अपमान …
Read More »बुरे समय में खुद को रखे शांत
शाम का समय था। महात्मा बुद्ध एक शिला पर बैठे हुए थे। वह डूबते सूर्य को एकटक देख रहे थे। तभी उनका शिष्य आया और गुस्से में बोला, “गुरुजी” “रामजी” नाम के जमींदार ने मेरा अपमान किया है। आप तुरंत चलें, उसे उसकी मूर्खता का सबक सिखाना होगा। महात्मा बुद्ध मुस्कुराकर बोले, प्रिय तुम बौद्ध हो, सच्चे बौद्ध का अपमान …
Read More »स्वर्ग का मार्ग
महात्मा बुद्ध के समय की बात है। उन दिनों मृत्यु के पश्चात आत्मा को स्वर्ग में प्रवेश कराने के लिए कुछ विशेष कर्मकांड कराये जाते थे। होता ये था कि एक घड़े में कुछ छोटे-छोटे पत्थर डाल दिए जाते और पूजा-हवन इत्यादि करने के बाद उस पर किसी धातु से चोट की जाती, अगर घड़ा फूट जाता और पत्थर निकल जाते …
Read More »डाकू अंगुलिमाल और महात्मा बुद्ध
बहुत पुरानी बात है मगध राज्य में एक सोनापुर नाम का गाँव था। उस गाँव के लोग शाम होते ही अपने घरों में आ जाते थे। और सुबह होने से पहले कोई कोई भी घर के बाहर कदम भी नहीं रखता था।इसका कारण डाकू अंगुलीमाल था। डाकू अंगुलीमाल मगध के जंगलों की गुफा में रहता था। वह लोगों को लूटता …
Read More »अछूत व्यक्ति
एक दिन गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एकदम शांत बैठे हुए थे। उन्हें इस प्रकार बैठे हुए देख उनके शिष्य चिंतित हुए कि कहीं वे अस्वस्थ तो नहीं हैं। एक शिष्य ने उनसे पूछा कि आज वह मौन क्यों बैठे हैं। क्या शिष्यों से कोई गलती हो गई है ? इसी बीच एक अन्य शिष्य ने पूछा कि क्या …
Read More »जीवन का मूल्य क्या है? (What is life worth?)
एक आदमी ने भगवान बुद्ध से पुछा : जीवन का मूल्य क्या है? बुद्ध ने उसे एक Stone दिया और कहा : जा और इस stone का मूल्य पता करके आ , लेकिन ध्यान रखना stone को बेचना नही है I वह आदमी stone को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला : इसकी कीमत क्या …
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