एक बार आचार्य चाणक्य से किसी ने प्रश्न किया, ‘मानव को स्वर्ग प्राप्ति के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए?’ चाणक्य ने संक्षेप में उत्तर दिया, ‘जिसकी पत्नी और पुत्र आज्ञाकारी हों, सद्गुणी हों तथा अपनी उपलब्ध संपत्ति पर संतोष करते हों, वह स्वर्ग में नहीं, तो और कहाँ वास करता है! आचार्य चाणक्य सत्य, शील और विद्या को लोक-परलोक के …
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अरे यार, हमने विवाह तो किया है
“हां, विवाह में पति-पत्नी के बीच इस तरह अलग होने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर तुमने मैरिज़ की होती तो तुम डाइवोर्स ले सकते थे। अगर तुमने निकाह किया होता तो तुम तलाक ले सकते थे। लेकिन क्योंकि तुमने विवाह किया है, इसका मतलब ये हुआ कि हिंदू धर्म और हिंदी में कहीं भी पति-पत्नी के एक हो जाने …
Read More »नाम जपन क्यों छोड़ दिया
नाम जपन क्यों छोड़ दिया क्रोध न छोड़ा झूठ न छोड़ा सत्य बचन क्यों छोड दिया झूठे जग में दिल ललचा कर असल वतन क्यों छोड दिया कौड़ी को तो खूब सम्भाला लाल रतन क्यों छोड दिया जिन सुमिरन से अति सुख पावे तिन सुमिरन क्यों छोड़ दिया खालस इक भगवान भरोसे तन मन धन क्यों ना छोड़ दिया नाम …
Read More »राजा भोज और सत्य
एक दिन राजा भोज गहरी निद्रा में सोये हुए थे। उन्हें उनके स्वप्न में एक अत्यंत तेजस्वी वृद्ध पुरुष के दर्शन हुए। राजन ने उनसे पुछा- “महात्मन! आप कौन हैं?” वृद्ध ने कहा- “राजन मैं सत्य हूँ और तुझे तेरे कार्यों का वास्तविक रूप दिखाने आया हूँ। मेरे पीछे-पीछे चल आ और अपने कार्यों की वास्तविकता को देख!” राजा भोज …
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