शादी के बाद पहली बार मायके में आई आरोही अपने मम्मी सुधा और पिता मोहनबाबू के साथ शाम की चाय का लुत्फ उठा रही थी सामने टीवी पर चल रहे सीरियल को देखकर अचानक ही वह बोली.
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स्वर्ग के दर्शन
लक्ष्मीनारायण बहुत भोला लड़का था | वह प्रतिदिन रात में सोने से पहले अपनी दादी से कहानी सुनाने को कहता था | दादी उसे नागलोक, पाताल लोक, चंद्र लोक, सूर्य लोक, आदि की कहानी सुनाया करती थी | एक दिन दादी ने उसे स्वर्ग का वर्णन सुनाया | स्वर्ग का वर्णन इतना सुंदर था! कि उसे सुनकर लक्ष्मीनारायण स्वर्ग देखने …
Read More »जब फरिश्ता ने दिया खलीफा उमर को दिव्य संदेश
एक बार खलीफा उमर अपने धर्मस्थान पर बैठे थे कि उन्हें स्वर्ग की ओर उड़ता हुआ एक फरिश्ता दिखाई दिया। उसके कन्धे पर एक बड़ी सी पुस्तक थी। खलीफा ने उसे बुलाकर पूछा, इस पुस्तक में क्या है ? फरिश्ते ने जबाव दिया, इसमें उन लोगों की सूची है, जो खुदा की इबादत करते हैं। खलीफा ने वह पुस्तक मांगी …
Read More »साधु और नर्तकी
एक दिन गाँव मेँ बाढ़ आ गयी और दोनोँ एक साथ ही मर गये। मरनेँ के बाद जब ये दोनोँ यमलोक पहूँचे तो इनके कर्मोँ और उनके पीछे छिपी भावनाओँ के आधार पर इन्हेँ स्वर्ग या नरक दिये जानेँ की बात कही गई। साधु खुद को स्वर्ग मिलनेँ को लेकर पुरा आश्वस्त था। वहीँ नर्तकी अपनेँ मन मेँ ऐसा कुछ भी विचार नहीँ कर …
Read More »स्वर्ग नर्क सब इस धरती पे
नही गगन के देखो पार अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार स्वर्ग नर्क सब इस धरती पे नही गगन के देखो पार अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार जो दुख पता प्रभु से कहता क्यू प्रभु तुम दुख देते हो हमने किया नही कुच्छ एसा फिर क्यू नही …
Read More »स्वर्ग नर्क सब इस धरती पे
स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) स्वर्ग नर्क है इस धरती पे, नही गगन के देखो पार अच्च्छा करम तो सुख देवे है, बुरा करम है दुख का सार (जे2) जो दुख पता प्रभु से कहता, क्यू प्रभु तुम दुख देते हो …
Read More »स्वर्ग से सुंदर सपनो से प्यारा है तेरा दरबार
स्वर्ग से सुंदर सपनो से प्यारा है तेरा दरबार, स्वर्ग से सुंदर सपनो से प्यारा है तेरा दरबार, जहा तेरा प्यार मिला है, मुझे हर बार मिला है, जहा तेरा प्यार मिला है, मुझे हर बार मिला है, रोशन है मेरी दुनिया, तेरे ही प्यार से, सब कुच्छ मिला …
Read More »स्वर्ग का मार्ग
महात्मा बुद्ध के समय की बात है। उन दिनों मृत्यु के पश्चात आत्मा को स्वर्ग में प्रवेश कराने के लिए कुछ विशेष कर्मकांड कराये जाते थे। होता ये था कि एक घड़े में कुछ छोटे-छोटे पत्थर डाल दिए जाते और पूजा-हवन इत्यादि करने के बाद उस पर किसी धातु से चोट की जाती, अगर घड़ा फूट जाता और पत्थर निकल जाते …
Read More »तीन ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग
प्रेरक प्रसंग १ – स्वर्ग- नरक शास्त्रों में निपुण, प्रसिद्ध ज्ञानी एवं प्रख्यात संत श्री देवाचार्य के शिष्य का नाम महेन्द्रनाथ था। एक शाम महेन्द्रनाथ अपने साथियों के साथ उद्यान में टहल रहे थे। और आपस में वे किसी विषय पर चर्चा कर रहे थे। चर्चा का विषय था- स्वर्ग-नरक। किसी एक साथी ने महेन्द्रनाथ से पूछा- “क्यों मित्र! क्या …
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