भर दे रे श्याम झोली भर दे भर दे,ना बहलाओ बातों में…. दिन बीते, बीती रातें अपनी कितनी हुई रे मुलाकाते,तुझे जाना पहचाना तेरे झुठे हुए रे सारे वादे,भूले रे श्याम तुम तो भूले, भूले,क्या रखा हैं वादों में,भर दे रे…… नादान हैं अंजान हैं गुरु तू ही तो मेरा भगवान हैं,तुझे चाहु तुझे पाऊ मेरे दिल का यही तो …
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