श्री टी.एन. शेषन जब मुख्य चुनाव आयुक्त थे, तो परिवार के साथ छुट्टीयां बिताने के लिए मसूरी जा रहे थे। परिवार के साथ उत्तर प्रदेश से निकलते हुऐ रास्ते में उन्होंने देखा कि पेड़ों पर गौरैया के कई सुन्दर घोंसले बने हुए हैं। यह देखते ही उनकी पत्नी ने अपने घर की दीवारों को सजाने के लिए गौरैया के दो …
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साड़ी के टुकड़े
एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार था। उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को शरारत सूझी। वे सब उस जुलाहे के पास यह सोचकर पहुंचे कि देखें इसे गुस्सा कैसे नहीं आता? उन में एक लड़का धनवान माता-पिता का पुत्र था। वहां पहुंचकर वह बोला …
Read More »अहंकार
एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वाभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार था।उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को शरारत सूझी। वे सब उस जुलाहे के पास यह सोचकर पहुँचे कि देखें इसे गुस्सा कैसे नहीं आता ? उन में एक लड़का धनवान माता-पिता का पुत्र था। वहाँ पहुँचकर वह बोला …
Read More »करुणा सुनो श्याम मेरी
हे श्याम, श्याम, श्याम, श्याम, मेरे श्याम करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ करुणा सुनो श्याम मेरी, मैं तो होय रही चेरी तेरी, करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ दरसन कारन भयी बावरी, बिरह व्यथा तन घेरी, तेरे कारन जोगन हूँगी, दूंगी नगर बिच फेरी, कुञ्ज बन हेरी हेरी, करुणा सुनो श्याम मेरी ॥ अंग बभूत गले मृग छाला, यूं तन भसम करूंगी, अजहूँ न मिल्या …
Read More »करुणा भरी पुकार सुन
करुणा भरी पुकार सुन अब तो पधारो मोहना .. कानन कुण्डल शीश मुकुट गले बैजंती माल हो . सांवरी सूरत मोहिनी अब तो दिखा दो मोहना .. कृष्ण तुम्हारे द्वार पर आया हूँ मैं अति दीन हूँ . करुणा भरी निगाह से अब तो पधारो मोहना .. पापी हूँ अभागी हूँ दरस का भिखारी हूँ . भवसागर से पार कर …
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