अरे बन दही मटकियाँ फोड़ी मात सुन बात हमारी रे, वे कान्हा जोडू दोनों हाथ सुनमान जा सुन ले मेरी बातअरे क्यों बहिया रहो मरोड़मात सुन बात हमारी रे, कान्हा साँची बताये दई तोहेछेड़ रहेया क्यों मार्ग में मोहे,अरे जाने मटकी दाहिये फोड़ेमात सुने बात हमारी जुलम जाने कर ही डारो रेलुट लेयो माखन सारो रे,आरे जाने चुनर दहिये फाड़मात …
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