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Tag Archives: devata

पाण्डव अर्जुन और कृष्ण मैत्री

Adi Guru Shri Krishan

  महाभारत में पाण्डव विजयी हुए । छावनी के पास पहुंचने पर श्रीकृष्णने अर्जुन से कहा कि ‘हे भरतश्रेष्ठ ! तू अपने गाण्डीव धनुष और दोनों अक्षय भाथों को लेकर पहले रथ से नीचे उतर जा । मैं पीछे उतरूंगा, इसी में तेरा कल्याण है ।’ यह आज नयी बात थी, परंतु अर्जुन भगवान के आज्ञानुसार नीचे उतर गये, तब …

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दुर्वाषा ऋषि के श्राप से शुरू हुई ‪समुद्र मंथन‬ की कहानी का अगला भाग

kachpatvar

समुद्र मंथन का आरम्भ होना जब देवताओं तथा असुरों ने समुद्र मं थन आरंभ किया, तब भगवान विष्णु ने कच्छप बनकर मंथन में भाग लिया। वे समुद्र के बीचों-बीच स्थिर रहे और उनके ऊपर रखा गया मदरांचल पर्वत। फिर वासुकी नाग को रस्सी बनाकर एक ओर से देवता और दूसरी ओर से दैत्यों ने समुद्र का मंथन करना शुरू कर …

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गणेश जी को दूर्वा(दूब) क्यों चढ़ाई जाती है ?

Gaṇaesh jee

पौराणिक मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था। इस दैत्य के कोप से स्वर्ग और धरती पर त्राही-त्राही मची हुई थी। अनलासुर ऋषि-मुनियों और आम लोगों को जिंदा निगल जाता था। दैत्य से त्रस्त होकर देवराज इंद्र सहित सभी देवी-देवता और प्रमुख ऋषि-मुनि महादेव से प्रार्थना करने पहुंचे। सभी ने शिवजी से प्रार्थना की कि …

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SAKAT CHAUTH

sakat chauth

SAKAT CHAUTH VRAT KATHA व्रत कथा –एक बार राक्षसों से भयभीत होकर देवता भगवान शंकर की शरण में गए। उस समय भगवान शिव के पास भगवान कार्तिकेय तथा गणेश भी उपस्थित थे। शिवजी ने दोनों से पूछा – तुममे से कौन देवताओं के कष्ट समाप्त करेगा। तब कार्तिकेय और गणेश दोनो ही जाने की इच्छा प्रकट की। ऐसा जान मुस्कारते …

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