एक दिन वन में प्यास से व्याकुल हो भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव पानी की तलाश में एक सरोवर पर पहुंचे, किंतु जैसे ही उन्होंने पानी पिया, तत्क्षण चारों की मृत्यु हो गयी। इधर युधिष्ठिर उन्हें खोजने के लिए निकले, तो चारों को सरोवर के किनारे मृत अवस्था में देखकर अत्यधिक दु:खी हुए। हताश युधिष्ठिर काफी देर तक शोकमग्न अवस्था …
Read More »Tag Archives: dharmaraaj
विनम्रता का फल
महाभारत की एक कथा है। धर्मयुद्ध अपने अंतिम चरण में था। भीष्म पितामह शैय्या पर लेटे हुए अपने जीवन के आखिरी क्षण गिन रहे थे। उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान मिला हुआ था और वे सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। धर्मराज युधिष्ठिर जानते थे कि पितामह ज्ञान और जीवन संबंधित अनुभव से संपन्न हैं। …
Read More »