एक दिन एक व्यक्ति महात्मा गांधी के पास आकर अपना दुःख सुनाने लगा। उसने गांधी जी से कहा कि बापू, यह दुनिया बड़ी बेईमान है। आप तो यह अच्छी तरह से जानते हैं कि मैनें पचास हजार रुपए दान देकर धर्मशाला बनवाई थी। पर अब उन लोगों ने मुझे ही उसकी प्रबंध समिति से हटा दिया है। धर्मशाला नहीं थी …
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