कान्यकुब्ज देश के राजा कौशिक एक दिन अपने दल-बल समेत आखेट के लिए वन की ओर गए। लौटते समय वशिष्ठ ऋषि के आश्रम में कौशिक का ठहरना हुआ। राजा और उनकी विशाल सेना की वशिष्ठ ने भरपूर आवभगत की। कौशिक को आश्चर्य हुआ कि इस घने जंगल में एक त्यागी- तपस्वी ऋषि के पास इतने साधन कहां से आए। पूछने …
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हे अंजनी पुत्र हे मारुती इतनी बिनती सवीकार करो
हे अंजनी पुत्र हे मारुती इतनी बिनती सवीकार करो । इस मन मंदिर में बस जाओ मुझ निर्बल का उद्दार करो ॥ मैंने तो सुना है हे हनुमंत तुम दुखियों के दुःख हर्ता हो, आ जाए कोई जो तुम्हारी शरण बन जाते तुम सुख करता हो । दुःख के इस जीवन सागर से मेरी नैया भी पार करो, हे अंजनी …
Read More »भक्ति की अद्भुत पराकाष्ठा की मिसाल भगवान हनुमान
लंका मे रावण को परास्त करने के बाद श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ अयोध्या लौट चुके थे। प्रभु राम के आने की खुशी में पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल था। राजमहल में राज्याभिषेक की तैयारियां चल रही थी।राज्याभिषेक के बाद जब लोगों को उपहार बांटे जा रहे थे तभी माता सीता ने हनुमान जी से …
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