यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जैसा भाव हमारे मन मेे होता है वैसा ही भाव सामने वाले के मन में आता है। इस सबंध में एक ऐतिहासिक घटना सुनी जाती है जो इस प्रकार है- कहते हैं कि एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया। राजा ने उसे देखा तो देखते ही उनके मन में …
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गुरु कोई भी हो सकता है, बस! सीखने की इच्छा होनी चाहिए
महादेव गोविंद रानाडे जब मुंबई हाईकोर्ट के जज थे। उन्हें नई-नई भाषाएं सीखने का शौक था। जब उन्हें पता चला कि उनका बारबर दोस्त बहुत अच्छी बांग्ला जानता था। तो उन्होंने उसे गुरु बना दिया। जितनी देर बारबर उनकी हजामत करता वे उससे बांग्ला सीखते। यह देखकर उनकी पत्नी बोलीं औरों को पता चलेगा कि कि हाईकोर्ट के जज …
Read More »नई सोच नई दिशा
एक घर के करीब से गुज़र रहा था अचानक मुझे घर के अंदर से एक दस साल के बच्चे की रोने की आवाज़ आई आवाज़ में इतना दर्द था कि अंदर जा कर बच्चा क्यों रो रहा है यह मालूम करने से मैं खुद को रोक ना सका – अंदर जा कर मैने देखा कि माँ अपने बेटे को धीरे …
Read More »ईश्वर चंद्र विद्यासागर!!
भारतीय समाजसुधारक, शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी ईश्वर चंद्र विद्यासागर का 1820 में जन्म हुआ था। विद्यासागर के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग आज भी प्रासंगिक है और बेहतर समाज की नींव रखने में सहायक हो सकते हैं।
Read More »जानिए चीनी दार्शनिक ताओ बू की नजर में क्या है धर्म
ताओ बू चीन के एक महान दार्शनिक हुए हैं। एक बार चुंगसिन नाम के व्यक्ति उनसे धर्म का रहस्य समझने के लिए आया और उनका शिष्य बन गया। लेकिन कई साल बीत गए। उन्होंने उसे कोई शिक्षा नहीं दी। तब एक दिन निराशा के भाव लेकर उसने कहा, ‘गुरुवर आपने किस कारण से अब तक कोई शिक्षा नहीं दी।’ तब …
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