11 अप्रेल, 2011 ! राष्ट्रीय स्तर की वालीबॉल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा ( Arunima Sinha ) , पद्मावती एक्सप्रेस में लखनऊ से दिल्ली जा रही थी| बीच रास्ते में कुछ लुटेरों ने सोने की चेन छिनने का प्रयास किया, जिसमें कामयाब न होने पर उन्होंने अरुणिमा को ट्रेन से नीचे फेंक दिया| arunima sinha motivational story in hindi पास के ट्रैक …
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पेड़ का रहस्य
शहर के बाहरी हिस्से में मल्टी नेशनल कम्पनी में काम करने वाले एक सेल्स मैनेजर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। वह रोज सुबह काम पर निकल जाते और देर शाम को घर लौटते। एक बार कुछ चोरों ने मैनेजर के घर में चोरी करने का मन बनाया। चोरी करने के दो-चार दिन पहले से ही वे …
Read More »एक बहुत अच्छी कहानी
एक बार एक कवि हलवाई की दुकान पहुंचे, जलेबी ली और वहीं खाने बैठ गये। इतने में एक कौआ कहीं से आया और दही की परात में चोंच मारकर उड़ चला। हलवाई को बड़ा गुस्सा आया उसने पत्थर उठाया और कौए को दे मारा। कौए की किस्मत ख़राब, पत्थर सीधे उसे लगा और वो मर गया। – ये घटना …
Read More »संतोषी व्यक्ति सदा सुखदायी
भगवान बुद्ध पाटलिपुत्र में प्रवचन कर रहे थे। लोग मंत्रमुग्ध थे। प्रवचन के बाद बुद्ध आंखे बंद किए बैठे थे। स्वामी आनंद ने जिज्ञासा व्यक्त की, तथागत, आपके सामने बैठे लोगों में सबसे सुखी कौन है? तथागत बोले कि सबसे पीछे जो सीधा-साधा या कहें फटेहाल सा ग्रामीण आंखें बंद किए बैठा है, वह सबसे ज्यादा सुखी है। यह सुनकर …
Read More »मेरी आँखें नीचे झुक जाती हैं
रहीम एक बहुत बड़े दानवीर थे। उनकी ये एक खास बात थी कि जब वो दान देने के लिए हाथ आगे बढ़ाते तो अपनी नज़रें नीचे झुका लेते थे। ये बात सभी को अजीब लगती थी कि ये रहीम कैसे दानवीर हैं। ये दान भी देते हैं और इन्हें शर्म भी आती है। ये बात जब तुलसीदासजी तक पहुँची तो …
Read More »आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने
आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने भगत बुलावे थाने आयां सरसी लाल लगोटों हाथ में घोटो सर पर छतर हजारी जी लाल ध्वजा थारे मंड पर सोहे घृत सिन्दूर छुवाव जी ओ बाबा घृत सिन्दूर छुवाव जी लाखों नर नारी आवे आवे थारे बारणे सबका कष्ट मिटायां सरसी आओ बालाजी आओ आज माहरे आँगने अंजनी माँ का पुत्र हो प्यारा …
Read More »प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला, तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला । अब तो मनो कामना है यह मेरी, जिधर देखूं नज़र आए डमरू वाला ॥ कहीं और क्यूँ ढूँढने तुझ को जाऊं, प्रभु मन के भीतर ही मैं तुझ को पाऊं । यह मन का शिवाला हो सब से निराला, जिधर देखूं नज़र आए डमरू वाला …
Read More »नेत्रदान (Donation of eyes)
एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था। अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया “पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं”। उसके पिता ने स्नेह से उसके सिर पर हाथ फिराया। वो लड़का फिर चिल्लाया “पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं”। पिता की …
Read More »चरित्र की बड़ी से बड़ी पोल खोल सकती हैं आपकी आंखें
चरित्र की बड़ी से बड़ी पोल खोल सकती हैं आपकी आंखें
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