इस विश्व में जो कुछ भी दृश्य देखा जाता है तथा जिसका वर्णन एवं स्मरण किया जाता है, वह सब भगवान शिव का ही रूप है । करूणासिंधुअपने आराधकों, भक्तों तथा श्रद्धास्पद साधकों और प्राणिमात्र की कल्याण की कामना से उन पर अनुग्रह करते हुए स्थल – स्थल पर अपने विभिन्न स्वरूपों में स्थित हैं । जहां – जहां जब …
Read More »