गोविंदा रे हरि गोपालादूध पियो रे हरि गोविंदा पत्थर की मुरती दूध ना पीवेकरुणा करि करि नामदेव रोवेगोविंदा रे हरि गोपालादूध पियो रे हरि गोविंदा पत्थर से तोड़ खंड बंड रे करूयही रे पत्थर से मै भी मरूगोविंदा रे हरि गोपालादूध पियो रे हरि गोविंदा धुन- बचपन की मोहब्बत को भगवान मेरी नईया, उस पार लगा देना,अब तक तो निभाया …
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