लंदन की एक बस्ती में एक अनाथ बच्चा रहता था। वह अखबार बेचकर किसी तरह अपना गुजारा करता था। कुछ समय बाद उसे एक किताब की दुकान पर जिल्द चढ़ाने का काम मिल गया। उस बालक को पढ़ने का बहुत शौक था। वह पुस्तकों पर जिल्द चढ़ाते समय महत्वपूर्ण बातें और जानकारियां अक्सर पढ़ता रहता था। एक दिन जिल्द चढ़ाते …
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कला का ज्ञान और फिर अभिमान
एक युवा ब्रह्यचारी ने दुनिया के कई देशों में जाकर अनेक कलाएं सीखीं। एक देश में उसने धनुष बाण बनाने और चलाने की कला सीखी और कुछ दिनों के बाद वह दूसरे देश की यात्रा पर गया। वहां उसने जहाज बनाने की कला सीखी क्योंकि वहां जहाज बनाए जाते थे। फिर वह किसी तीसरे देश में गया और कई ऐसे …
Read More »दुनिया के सात आश्चर्य
गाँव के स्कूल में पढने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी, उसका दाखिला शहर के एक अच्छे स्कूल में क्लास 6 में हो गया था। आज स्कूल का पहला दिन था और वो समय से पहले ही तैयार हो कर बस का इंतज़ार कर रही थी। बस आई और छुटकी बड़े उत्साह के साथ उसमे सवार हो गयी। करीब 1 घंटे …
Read More »लोहा खा गया घुन!
एक बार की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे और दोनों व्यापार में सहभागी थे। मामा ने फूफा से कहा,” फूफा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे …
Read More »कर्ण का दान और अर्जुन के अभिमान में श्रेष्ठ कौन
जब महाराज युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ पर राज्य करते थे। वे काफी दान आदि भी करते थे। धीरे-धीरे उनकी प्रसिद्धि दानवीर के रूप में फैलने लगी और पांडवों को इसका अभिमान होने लगा। एक बार कृष्ण इंद्रप्रस्थ पहुंचे। भीम व अर्जुन ने युधिष्ठिर की प्रशंसा शुरू की कि वे कितने बड़े दानी हैं। तब कृष्ण ने उन्हें बीच में ही टोक दिया …
Read More »भगवान भक्तों को कभी भी निराश और परेशान नहीं होने देते
किसी नगर में एक धर्मपरायण व्यक्ति रहता था। वह सदैव ईश-भक्ति में लीन रहता और इस बात का हमेशा ख्याल रखता कि उसके द्वारा किसी का अहित न हो। उसे इस बात का भी पूरा भरोसा था कि यदि वह दूसरों का अहित नहीं करेगा तो उसका भी अहित नहीं होगा। वह हमेशा भगवान से प्रार्थना करता कि उस पर …
Read More »संगीत के सुर और भक्ति के भाव
संत ज्ञानेश्वर प्रतिदिन संध्या को स्वरचित भजन गाया करते थे, जिनको सुनने के लिए दूर-दूर से बहुत लोग आया करते थे। उसी सभी में एक गायक भी आया करता था। एक दिन गायक ने संत ज्ञानेश्वर से कहा, आप बहुत गलत गाते हैं। राग और सुरों का आपको बिल्कुल भी ज्ञान नहीं, बेसुरे संगीत से मुझे बहुत कष्ट होता है। …
Read More »Strengthening Intuitive F projection
November 13, 1985 1. Sit in Easy Pose with your spine straight. Close your eyes. Move your arms as if you are swimming. Extend one and then the other in a constant motion. As you swim imagine yourself in a vast ocean as night is falling and a storm is coming. You can’t see the shore, so use your intuition …
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