स्वामी विवेकानंद एक बार कहीं जा रहे थे। रास्ते में नदी पड़ी तो वे वहीं रुक गए क्योंकि नदी पार कराने वाली नाव कहीं गई हुई थी। स्वामीजी बैठकर राह देखने लगे कि उधर से नाव लौटे तो नदी पार की जाए। एका-एक वहां एक महात्मा भी आ पहुंचे। स्वामीजी ने अपना परिचय देते हुए उनका परिचय लिया। बातों ही …
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मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं
एक दिन स्वामी विवेकानंद एक अंग्रेज मि.मूलर के साथ टहल रहे थे। उसी समय एक पागल सांड तेजी से उनकी ओर बढ़ने लगा। अंग्रेज सज्जन भाग कर पहाड़ी के दूसरी छोर पर जा खड़े हुए। स्वामीजी ने उन्हें सहायता पहुंचाने का कोई और उपाय न देख खुद सांड के सामने खड़े हो गए। तब मिस्ट मूल देखकर दंग रह गए। …
Read More »सुख की तलाश में सुखी की खोज
राजा कुंवरसिंह जी बड़े अमीर थे। उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी। उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था। बीमारी के मारे वे सदा परेशान रहते थे। कई वैद्यों ने उनका इलाज किया, लेकिन उनको कुछ फायदा नहीं हुआ। राजा की बीमारी बढ़ती गई। सारे नगर में यह बात फैल गई। तब एक बूढ़े ने राजा के पास आकर कहा, ‘महाराज, …
Read More »जैसा आचरण वैसा व्यवहार
एक बार एक स्त्री महाराष्ट्र के महान संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास आई। वह अपने छोटे बच्चे को भी साथ लाई। उस स्त्री ने संत से कहा कि मेरे बेटे को अपच की बीमारी है। मैने इसका इलाज कई दवाईयों और औषधियों से किया पर यह ठीक नहीं हुआ। संत ज्ञानेश्वर ने कहा कि ‘इसे आप कल लेकर आना। दूसरे …
Read More »MEDITATION ON THE SOUND CURRENT ONG
Sit with a straight spine. Chant ONG 12 times per minute for 1-2 minutes. Inhale quickly between each call. Then chant rapidly at a rate of about ten repetitions every five seconds. Then chant powerfully for 1 minute. Relax and meditate within. COMMENTS: ONG is the sound of infinity as it is heard through the conch when we put in …
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