सितंबर, 1899 में स्वामी विवेकानंदजी कश्मीर में अमरनाथजी के दर्शन के बाद श्रीनगर के क्षीरभवानी मंदिर में पहुँचे। वहाँ उन्होंने माँ काली का स्मरण कर समाधि लगा ली। एक सप्ताह तक उन्होंने नवरात्रि पर्व पर एकांत साधना की। वे प्रतिदिन एक बालिका में साक्षात् माँ काली के दर्शनकर उसकी पूजा किया करते थे। एक दिन उन्होंने श्रद्धालुजनों के बीच प्रवचन …
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श्याम तेरी मुरली
आए श्याम तेरी मुरली पागल कर जाती है मुस्कान तेरी मीठी घायल कर जाती है आए श्याम तेरी मुरली पागल कर जाती है मुस्कान तेरी मीठी घायल कर जाती है ये सोने की होती ना जाने क्या होता ये बाँस की हो कर के ये बाँस की हो कर के इतना इतराती है आए श्याम तेरी मुरली पागल कर जाती …
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