एक बार की बात है। कुबेर को अपने धन-वैभव पर बहुत अभिमान हो गया था। उन्होंने सोचा कि मेरे पास इतनी समृद्धि है, तो क्यों न मैं शंकरजी को अपने घर पर भोजन का न्योता दूं औैर उन्हें अपना वैभव दिखाऊं। यह विचार लेकर कुबेर कैलाश पर्वत गए और वहां शंकरजी को भोजन पर पधारने का न्योता दिया। शंकरजी को …
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गरुड, सुदर्शनचक्र और श्रीकृष्ण की रानियों का गर्व – भंग
एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने गरुड को यक्षराज कुबेर के सरोवर से सौगंधित कमल लाने का आदेश दिया । गरुड को यह अहंकार था कि मेरे समान बलवान तथा तीव्रगामी प्राणी इस त्रिलोकी में दूसरा कोई नहीं है । वे अपने पंखों से हवा को चीरते हुए तथा दिशाओं को प्रतिध्वनित करते हुए गंध मादन पर्वत पर पहुंचे और पुष्पों …
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