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Tag Archives: Lord Buddha

जब भिक्षु ने पूछा, ईश्वर हैं या नहीं? तथागत ने बताया कि

जब भिक्षु ने पूछा, ईश्वर हैं या नहीं? तथागत ने बताया कि

एक बार भगवान बुद्ध से किसी भिक्षु ने पूछा, ‘तथागत! ईश्वर है या नहीं है? बुद्ध ने सीधा उत्तर न देकर प्रश्नकर्ता भिक्षु से कहा, मनुष्य की समस्या ईश्वर के होने या न होने की नहीं है। मनुष्य की मुख्य समस्या है उसके जीवन में आने वाले दुखों की।’ तथागत ने अपने कथन को स्पष्ट करते हुए तब कहा, ‘तुम …

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जैसी भावना वैसी मनोकामना

एक बार भगवान बुद्ध एक शहर में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने प्रवचन के बाद आखिर में कहा, ‘जागो! समय हाथ से निकला जा रहा है।’ इस तरह उस दिन की प्रवचन सभा समाप्त हो गई। सभा के बाद तथागत ने अपने शिष्य आनंद से कहा, थोड़ी दूर घूम कर आते हैं। आनंद, भगवान बुद्ध के साथ चल दिए। अभी …

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सौंदर्य सरिता आम्रपाली की व्यथा

एक बार भगवान बुद्ध ने वैशाली की नगरवधु और सौंदर्य की देवी आम्रपाली का आतिथ्य स्वीकार किया। आम्रपाली पर उम्र गहराने लगी थी। चेहरे पर झाइयां और झुर्रियां पड़ने लगीं थीं। केश श्वेत हो चले थे। आम्रपाली ने भगवान बुद्ध का विधिवत् स्वागत किया और शांत भाव से उनके चरणों में बैठ गई। भगवान बुद्ध ने आम्रपाली को शांत देखकर …

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इस तरह कीजिए आत्मज्ञान का सदुपयोग

महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले, वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूर्ण हो चुके हो, तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्यसंदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो। महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वह मायूस हो गए। वह बोले, गुरुदेव, यदि मुझे पहले ही पता …

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यदि आत्मज्ञान प्राप्त हो जाए तो इसे लोगों में बांटें

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महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले- ‘वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूरी तरह मंडित हो। तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्संदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो।’ महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वे मायूस हो गए। वह बोले, ‘गुरुदेव यदि मुझे पहले से पता …

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मृत्यु से भी बड़ा होता है प्रेम

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भगवान बुद्ध एक बार उपदेश देने एक गांव में पहुंचे। वहां उनके पड़ाव का अंतिम दिन था। तब वह उस गांव के एक व्यक्ति के यहां पहुंचे। वो गरीब था। उसके पास भगवान बुद्ध के आतिथ्य के लिए कुछ भी न था। तब उसने घर के बाहर देखा। जहां उसकी नजर बरसात में भीगी लकड़ियों पर पड़ी, जिन पर कुकुरमुत्ता( …

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परिस्थितियां बदलती हैं हमेशा

परिस्थितियां बदलती हैं हमेशा

एक बार भगवान बुद्ध कहीं जा रहे थे। वह पैदल यात्रा कर रहे थे, इस कारण थक कर एक पेड़ के नीचे बैठ गए। उनके साथ उनके अन्य शिष्यों के साथ आनंद भी मौजूद थे। भगवान बुद्ध ने कहा, ‘आनंद यहां नजदीक एक झरना है, वहां से जल ले आओ।’ आनंद झरने के पास पहुंचा, लेकिन वहां गंदा पानी बह …

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ऐसी बातों में समय न गवाएं

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भगवान बुद्ध समय की महत्ता को बेहद अच्छी तरह से जानते थे। वह अपना हर क्षण कभी भी व्यर्थ नहीं जाने देते थे। एक बार उनके पास एक व्यक्ति आया और बोला, तथागत आप हर बार विमुक्ति की बात करते हैं। आखिर यह दुःख होता किसे है? और दुःख को कैसे दूर किया जा सकता है? प्रश्नकर्ता का प्रश्न निरर्थक …

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कला का ज्ञान और फिर अभिमान

एक युवा ब्रह्यचारी ने दुनिया के कई देशों में जाकर अनेक कलाएं सीखीं। एक देश में उसने धनुष बाण बनाने और चलाने की कला सीखी और कुछ दिनों के बाद वह दूसरे देश की यात्रा पर गया। वहां उसने जहाज बनाने की कला सीखी क्योंकि वहां जहाज बनाए जाते थे। फिर वह किसी तीसरे देश में गया और कई ऐसे …

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समस्याओं से भागें नहीं बल्कि उनका डटकर सामना करें

कौशाम्बी नरेश की महारानी भगवान बुद्ध से घृणा करती थी। एक बार जब भगवान बुद्ध कौशाम्बी आए तो महारानी ने उन्हें परेशान और अपमानित करने के लिए कुछ विरोधियों को उनके पीछे लगा दिया। गौतम बुद्ध के शिष्य आनंद उनके साथ हमेशा रहते थे। जोकि गौतम बुद्ध के प्रति इस खराब व्यवहार देख दुःखी हो गए। परेशान होकर आनंद ने …

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