जीवन में सफलता और प्रगति के लिए मन का नियंत्रित होना आवश्यक है. बहुत लोगो को लगता है कि मन को जीतना या मन को नियंत्रित करना बहुत ही कठिन कार्य है. लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आपके मन में चाह है तो राह भी है. हम जो कुछ देखते है, जो कुछ सुनते है और जो कुछ बोलते है. …
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राजा भोज और व्यापारी
यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जैसा भाव हमारे मन मेे होता है वैसा ही भाव सामने वाले के मन में आता है। इस सबंध में एक ऐतिहासिक घटना सुनी जाती है जो इस प्रकार है- कहते हैं कि एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया। राजा ने उसे देखा तो देखते ही उनके मन में …
Read More »आदमकद
सूरज को पुलिस महकमे में आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था. उस ने एक महीने पहले ही थाने का चार्ज लिया था. एक दिन की बात है. सूरज तैयार हो रहा था. आज वह बहुत ही जल्दी में था, क्योंकि मंत्रीजी आ रहे थे. उसे ठीक 11 बजे सर्किट हाउस पहुंचना था. वहीं मंत्रीजी जिले के सभी अफसरों की …
Read More »कॉकरोच थ्योरी फॉर सेल्फ-डेवलपमेंट
एक रेस्टोरेंट में अचानक ही एक कॉकरोच उड़ते हुए आया और एक महिला की कलाई पर बैठ गया। महिला भयभीत हो गयी और उछल-उछल कर चिल्लाने लगी…कॉकरोच…कॉकरोच… उसे इस तरह घबराया देख उसके साथ आये बाकी लोग भी पैनिक हो गए …इस आपाधापी में महिला ने एक बार तेजी से हाथ झटका और कॉकरोच उसकी कलाई से छटक कर उसके …
Read More »मन में यदि सुराख है तो उसमें प्रेम कैसे भरेगा
गौतम बुद्ध यात्रा पर थे। रास्ते में उनसे लोग मिलते। कुछ उनके दर्शन करके संतुष्ट हो जाते तो कुछ अपनी समस्याएं रखते थे। बुद्ध सबकी परेशानियों का समाधान करते थे। एक दिन एक व्यक्ति ने बुद्ध से कहा- मैं एक विचित्र तरह के द्वंद्व से गुजर रहा हूं। मैं लोगों को प्यार तो करता हूं पर मुझे बदले में …
Read More »अच्छे अच्छे महलों मे भी एक दिन कबूतर अपना घोंसला बना लेते है
सेठ घनश्याम के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा था और एक चार पट्टी के कमरे को लेकर विवाद गहराता जा रहा था , एक दिन दोनो भाई मरने मारने पर उतारू हो चले , तो पिता जी बहुत जोर से हँसे। पिताजी को हँसता देखकर दोनो भाई लड़ाई को भूल गये, और पिताजी से हँसी …
Read More »यहां मौजूद है मन की हलचल को दूर करने का अचूक उपाय
महात्मा बुद्ध अपने शिष्यों के संग जंगल से गुजर रहे थे। दोपहर को एक वृक्ष के नीचे विश्राम करने रुके। उन्होंने शिष्य से कहा, ‘प्यास लग रही है, कहीं पानी मिले, तो लेकर आओ।’ शिष्य एक पहाड़ी झरने से लगी झील से पानी लेने गया। झील से कुछ पशु दौड़कर निकले थे, जिससे उसका पानी गंदा हो गया था। उसमें …
Read More »ईश्वर से मिलना चाहते हैं, तो जल्द त्यागें मन से यह भाव
एक बार धार्मिक यात्रा पर गुरु नानक देव जी बनारस गए। उन्होंने गेरुए रंग के वस्त्र, पांव में जूती, सिर पर टोपी, गले में माला और केसर का तिलक लगाए हुए थे। लोगों ने सोचा दूर देश से कोई महात्मा आए हैं। इसलिए काफी लोग उनके आस-पास एकत्र हो गए। तब वह लोग एक पंडित को बुला लाए। काशी के …
Read More »The Mind Er Meditation
The Mind Exists as a Servant of the Soul Basic Characteristics of the Mind The Three Minds The Cycle of the Intellect The Cycle of the Intellect Diagram Cosmic Law of Manifestion & Being (diagram) The Structure of a Thought Yogi Bhajan Describes the Balanced Mind Yogi Bhajan in Dialogue with his Mind Navigating the Inner Spaces of the Mind …
Read More »मेरे मन मन्दिर मे राम बिराजे
मेरे मन मन्दिर मे राम बिराजे। ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥अधिष्ठान मेरा मन होवे। जिसमे राम नाम छवि सोहे । आँख मूंदते दर्शन होवे ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥ मेरे मन … सांस सांस गुरु मन्त्र उचारूं। रोमरोम से राम पुकारूं । आँखिन से बस तुम्हे निहारूं। ऐसी जुगति करो हे स्वामी ॥ मेरे मन … औषधि रामनाम …
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