एक नगर में एक व्यक्ति इसीलिए मशहूर हो गया कि उसका चेहरा मनहूस था। ऐसा उस नगर में रहने वाले लोग कहते थे। यह बात जब राजा के पास पहुंची तो इस धारणा पर उन्हें विश्वास नहीं हुआ। राजा ने उस व्यक्ति को अपने महल में रख लिया और सुबह उठते ही उस व्यक्ति का मुंह देखा। इस तरह …
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राजा भोज और व्यापारी
यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जैसा भाव हमारे मन मेे होता है वैसा ही भाव सामने वाले के मन में आता है। इस सबंध में एक ऐतिहासिक घटना सुनी जाती है जो इस प्रकार है- कहते हैं कि एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया। राजा ने उसे देखा तो देखते ही उनके मन में …
Read More »ऐसे करें धूर्त की पहचान
बात मुगलकाल की है। उस समय अकबर का शासन था। अकबर के मंत्री अब्दुल रहीम खानखाना थे। एक दिन एक व्यक्ति ने आकर रहीम के द्वारपाल से कहा, ‘मैं बहुत सिद्ध रसायनी हूं, लोहे से सोना बनाना आता है मुझे और इस बारे में मंत्रीजी से कुछ बातें करना चाहता हूं।’ द्वारपाल ने आकर रहीम को यह संदेश दिया …
Read More »इन्होंने ऐसा क्यों कहा कि ऐसी शिक्षा किस काम की
एक बार खलीफा हारून-अल-रशीद बगदाद शहर का मुआएना करने निकले। रास्ते में उन्हें एक आलीशान इमारत दिखाई दी, जिस पर ‘मदरसा अब्बासिया’ की तख्ती लगी हुई थी। बादशाह ने मंत्री से पूछा, ‘हमारे शहजादे अमीन और मामून इसी मदरसे में तालीम पाते हैं ‘न’ ?’ मंत्री ने कहा, ‘जी हां’। खलीफा घोड़े से उतरे और मदरसे में प्रवेश किया। तब …
Read More »जानिए भारत के पहले प्रधानमंत्री की सेहत का रहस्य
एक बार किसी व्यक्ति ने भारत के पहले प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू से पूछा कि आपकी उम्र साठ से ऊपर हो गई है, आप पर काम का बोझ भी है, फिर भी आप हमेशा गुलाब के फूल की तरह ताजे दिखाई देते हैं। इसका रहस्य क्या है। नेहरू जी हंसे और फिर बोले कि, इसके तीन कारण हैं। पहला यह कि …
Read More »सुखी जीवन का मूलमंत्र
जापान के सम्राट यामातो का एक राज्यमंत्री था। जिसका नाम था ‘ओ-चो-सान’। उसका परिवार सौहार्द के लिए बड़ा प्रसिद्ध था। हालांकि उसके परिवार में लगभग एक हजार सदस्य थे, पर उनके बीच एकता का अटूट संबंध था। सभी सदस्य साथ-साथ रहते और साथ-साथ ही खान खाते थे। फिर उनमें द्वेष कलह की बात ही कहां? ओ-चो-सान के परिवार के सौहार्द …
Read More »चाणक्य और यूनान का राजदूत
पाटलिपुत्र के मंत्री आचार्य चाणक्य बहुत ही विद्वान और न्यायप्रिय व्यक्ति थे। वह एक सीधे आैर ईमानदार व्यकि् भी थे। वे इतने बडे साम्राज्य के महामंत्री होने के बावजूद छप्पर से ढकी कुटिया में रहते थे। एक आम आदमी की तरह उनका रहन-सहन था। एक बार यूनान का राजदूत उनसे मिलने राजदरबार पहुंचा। राजनीति और कूटनीति में दक्ष चाणक्य की …
Read More »जीने की कला का यह है सबसे बड़ा रहस्य
बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह बात-बात में फांसी की सजा का हुक्म दिया करता था। इस कारण लोग काफी परेशान थे और उस राजा के नाम से ही भयभीत रहा करते थे। लेकिन उस राजा की एक खूबी भी थी, और वह यह कि मरने वाले की हर अंतिम ख्वाहिश को जरूर पूरा करता था। एक बार …
Read More »शुनशुनाओ की तरह सही सोच बनाती है महान
चीन के एक राजा थे नाम था ‘क्यांग’। उन्होंने शुनशुनाओ नाम के एक व्यक्ति को तीन बार अपना मंत्री बनाया और तीन बार ही हटा दिया। राजा के इस फैसले से शुनशुनाओ न तो कभी प्रसन्न हुए और न ही दुःखी। जब यह बात चीनी विद्वान किनबु को पता चली तो वो शुनशुनाओ से मिलने पहुंचे और किनबु ने इस …
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