हीरा लाल जी अस्पताल के कमरे में लेटे लेटे अपनी बीती उम्र के बारे में सोच रहे थे।सारी उम्र परिवार माता पिता और भाई बहनों के प्रति कर्तव्य निभाने में ही गुजर गई।अपने बच्चों की अधिक परवाह नहीं कर पाए।पत्नी शिकायत करती भी तो यह कहकर चुप करा देते ।“अरे भागवान! अभी उनको मेरी जरूरत हैं कल वे मेरी सहायता …
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बाहर की दुनिया
कवि गालिब को एक दफा बहादुरशाह ने भोजन का निमंत्रण दिया था। गालिब था गरीब आदमी। और अब तक ऐसी दुनिया नहीं बन सकी कि कवि के पास भी खाने-पीने को पैसा हो सके। अच्छे आदमी को रोजी जुटानी अभी भी बहुत मुश्किल है।गालिब तो गरीब आदमी थे। कविताएं लिखी थीं, ऊँची कविताएं लिखने से क्या होता है? कपड़े उसके …
Read More »परमात्मा कहां है?
हसीद फकीर हुआ, बालसेन। उससे मिलने कुछ औरहसीद फकीर आए हुए थे। चर्चा चल पड़ी—— एक बड़ी दार्शनिक चर्चा ——परमात्मा कहां है?किसी ने कहा, पूरब में, क्योंकि पूरब से सूरज ऊगता है। और किसी ने कहा कि जेरूसलम में, क्योंकि यहूदी ही परमात्मा के चुने हुए लोग हैं, और परमात्मा ने ही मूसा के द्वारा यहूदियों को जेरूसलम तक पहुंचाया। …
Read More »उड़े बिना जीवन में कोई गति नहीं है।
कुछ वर्ष पहले पहलगांव (कश्मीर) में एक घटना घटी, जो मुझे भूले नहीं भूलती। एक वृक्ष के नीचे बैठा था। ऊंचाई पर वृक्ष में छोटा—सा एक घोंसला था, और जो घटना उस घोंसले में घट रही थी उसे मैं देर तक देखता रहा, क्योंकि वही घटना शिष्य और गुरु के बीच घटती है। कुछ ही दिन पहले अंडा तोड़कर किसी …
Read More »कोल्हू का बैल
मैंने सुना है, एक दार्शनिक, एक तार्किक, एक महापंडित सुबह-सुबह तेल खरीदने तेली की दुकान पर गया। विचारक था, दार्शनिक था, तार्किक था, जब तक तेली ने तेल तौला, उसके मन में यह सवाल उठा–उस तेली के पीछे ही कोल्हू का बैल चल रहा है, तेल पेरा जा रहा है–न तो उसे कोई चलाने वाला है, न कोई उसे हांक …
Read More »खेल सारा मन का है
चेखोव रूस का एक बहुत बड़ा लेखक हुआ। उसने अपने संस्मरणों के आधार पर एक कहानी लिखी। उसके मित्र का लड़का कोई दस साल पहले घर से भाग गया। मित्र धनी था। लेकिन जैसे अक्सर धनी होते हैं, महा-कृपण था। और लड़के को बाप के साथ रास न पड़ी। तो लड़का घर छोड़ कर भाग गया।एक ही लड़का था। जब …
Read More »बिना हाथ का चित्रकार
हम में से ऐसे बहुत से लोग हैं जो सिर्फ यह सोचकर अपना समय बर्बाद कर देते हैं कि, उनके पास क्या नहीं है? बल्कि वह इस बात पर ध्यान नहीं देते कि उनके पास क्या मौजूद है? हमें हमेशा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमारे पास क्या है और उसी की सहायता से हम बहुत कुछ कर …
Read More »डरपोक पत्थर
बहुत पहले की बात है एक शिल्पकार मूर्ति बनाने के लिए जंगल में पत्थर ढूंढने गया। वहाँ उसको एक बहुत ही अच्छा पत्थर मिल गया। जिसको देखकर वह बहुत खुश हुआ और कहा यह मूर्ति बनाने के लिए बहुत ही सही है। जब वह आ रहा था तो उसको एक और पत्थर मिला उसने उस पत्थर को भी अपने साथ …
Read More »सोने का अंडा
बहुत पहले की बात है एक गांव में रमेश नाम का एक व्यक्ति रहता था। उसके माँ बाप बचपन में ही गुजर चुके थे। वह खेतों में काम करके अपना गुजारा बड़ी मुश्किल से करता था। उसके पास एक मुर्गी थी। जो उसको रोज़ एक अंडा देती थी। जब उसके पास कभी खाने के लिए कुछ नहीं होता तो वह …
Read More »मुर्खतापूर्ण
मेरे इस पोस्ट कृपया #ध्यानपूर्वक पढ़िए व #मनन करिए #मुर्खतापूर्ण #आक्षेप #Question :-भारत में लगभग 1 करोड़ साधु संत है क्या इनमें से कोई भी ऐसा चमत्कारी बाबा नहीं जो कोरोना को काबू में कर सके अपनी सिद्धि साबित करो या पाखंड बन्द करो #Answer :- पहले ये बताओ की तुम महात्माओ के बताये हुए मार्ग पर चलते हो क्या …
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