सब भार तुम्हारे हाथोमे (2) है जीत तुम्हारे हाथोमे, और हार तुम्हारे हाथोमे (2) मेरा निस्चे बस एक यही, इक बार तुम्हे पा जाो मे (2) अर्पण कार्दु दुनिया भारका, सब प्यार तुम्हारे हाथोमे (2) जो जगमे राहु तो ऐसे राहु, जो जलमे कमलका फूल रहे (2) मेरे सब गुणदोष समर्पित हो करतार तुम्हारे हाथोमे (2) यदि मानवका मूज़े जन्मा …
Read More »