सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर धाम है ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार प्रणाम है कैसे करूँ मैं वंदना, ना स्वर है ना आवाज आज पृख्शा है मेरी, मेरी लाज राखो गुरु आप कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हसे हम रोए ऐसी करनी कर चलो, हम हसे जग रोए तीन लोक नव खंड में, गुरु से …
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जय रघुनन्दन जय सियाराम
जय रघुनन्दन जय सियाराम जय रघुनन्दन जय सियाराम | हे दुखभंजन तुम्हे प्रणाम ||भ्रात भ्रात को हे परमेश्वर, स्नेह तुन्ही सिखलाते | नर नारी के प्रेम की ज्योति जग मे तुम्ही जलाते | ओ नैया के खेवन हारे, जपूं मै तुमरो नाम || तुम्ही दया के सागर प्रभु जी, तुम्ही पालन हारे | चैन तुम्ही से पाए बेकल मनवा सांझ …
Read More »साईं नाथ को प्रणाम
साईं नाथ को प्रणाम,शिरडी वाले को प्रणाम, जो भी इसके द्वारे आया बनते बिगड़े काम, साईं नाथ को प्रणाम,शिरडी वाले को प्रणाम, सबकी विनती पल में सुनता ना लगता देरी, मेरे भी घर आके साईं,तू लगा दे फेरी, पल भर में जो तारे साईं,वो है तेरा नाम, साईं नाथ को प्रणाम,शिरडी वाले को प्रणाम, शिरडी वाला मेरा साईं,सारे जग से …
Read More »सौरधर्म का वर्णन
राजा शतानीक ने पूछा – मुने ! भगवान सूर्य का माहात्म्य कीर्तिवर्धक और सभी पापों का नाशक है । मैंने भगवान सूर्यनारायण के समान लोक में किसी अन्य देवता को नहीं देखा । जो बरण – पोषम और संहार भी करनेवाले हैं वे भगवान सूर्य किस प्रकार प्रसन्न होते हैं, उस धर्म को आप अच्छी तरह जानते हैं । मैंने …
Read More »हे मनमोहना हे चतुर श्याम
तुज़कू मेरा शत शत प्रणाम शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम तू मकान चोर भी, ग्वाला भी मधुसूधान मुरलीवाला भी हे कृष्णा तेरे है कितने नाम तुज़कू मेरा शत शत प्रणाम ||1|| तू नातकट भी, तू दाता भी तू योगी भी, तू प्रेमी भी निश काम हे तू, फिर भी साकाम तुज़कू मेरा शत शत प्रणाम ||2|| तू नर्तक भी, …
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