वो तो गली-गली हरी गुना गन्ने लगी महलो में पाली, बन के जोगुण चली मीयर्रा रानी दीवानी कहने लगी ऐसी लगी लगान, मीयर्रा हो गयी मगन – 2 कोई रोके नही, कोई टोक नही मीयर्रा गोविंदा गोपाल-ए गन्ने लगी बैठी संतों के संग, रंगी मोहन के रंग मीयर्रा प्रेमी प्रीतम को मानने लगी ऐसी लगी लगान, मीयर्रा हो गयी मगन …
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