बरी देर भाई नंदलाला, तेरी रह टके ब्रिज्बला, ग्वाल बाल इक इक से पुच्छे कहा है मुरली वाला रे. बरी देर भाई नंदलाला, कोई ना जाए कुंजा गली मे, तुझा बिन कालिया चुनने को, तरस रहे है जमुना के तट, धुन मुरली की सुनने को, अब तो दरस दिखड़े मोहन, क्यों दुविधा मे डाला रे. बरी देर भाई नंदलाला, संकट …
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