मुस्लिम संत अबू सईद-बिन-अबुल खैर ने एक बार एक जिज्ञासु से प्रश्न किया, ‘हजरत! सुना है कोई महात्मा आकाश में उड़ते हैं, कोई पानी पर चलते हैं, तो कोई एक जगह से दूसरी जगह तक गायब होकर पहुंच जाते हैं, क्या ये वाकई सच है?’ जिज्ञासु के प्रश्न को सुनकर अबू सईद बोले, ‘मेंढक पानी में तैर सकता है, आवासील( …
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जीवन को इस तरह बनाओ पवित्र
एक बादशाह गुरु हरराय जी के दर्शन के लिए उनके निवास स्थान पर पहुंचा। उसने सत्संग के बाद गुरु जी से पूछा, महाराज हमारी धरती पर अनेक पैगंबर हुए हैं।मैं यह जानना चाहता हूं कि इनमें से किस पैगंबर पर विश्वास करने से हमारा कल्याण हो सकता है? किस पैगंबर की बातें मानने से हमें ईश्वर की कृपा प्राप्त हो …
Read More »मीठी सी शांति चाहिए तो कीजिए धर्मों का अध्ययन
आरिफ सुभानी नाम के एक पक्के दरवेश थे। उन्हें दुनिया की किसी भी वस्तु से मोह नहीं था। पहनने के लिए कपड़ों के अलावा उनकी, अपनी कहलाने वाली कोई भी संपत्ति नहीं थी। शांतिप्रिय और सादगी पसंद होने के कारण उनके विचार दूसरों से मेल नहीं खाते थे। वो मंदिर, मस्जिद में भी कोई भेद नहीं मानते थे। एक बार …
Read More »ऐसे नियंत्रित करें मन की एकाग्रता
स्वामी विवेकानंद शिकागो में व्याख्या देने के बाद अमेरिका में उदार मानव धर्म के वक्ता के रूप में प्रसिद्ध हो गए। वहां स्वामी जी वेदांत दर्शन पर प्रवचन दिया करते थे। इस संबंध में उनका प्रवास अमेरिका के उन अंदरूनी इलाकों में भी होता था, जहां धर्मांध और संकीर्ण विचारधारा के लोग रहते थे। एक बार स्वाम जी एक ऐसे …
Read More »जिधर देखूं जहाँ देखूं तेरा दीदार हो जाए
बुत्तखाना और नसुए-हरम देख रहे हैं | साईं सनम को सारे सनम देख रहें हैं || करम इतना तो मुझ पे, साईं जी एक बार हो जाए, जिधर देखूं ,जहाँ देखूं, तेरा दीदार हो जाए | मुझे दुनिया से क्या मतलब, मुझे तुमपे भरोसा है | जिसे साईं नवाजे, उसका बेडा पार हो जाए || गदाई आप के दर …
Read More »क्यों कहलाते हैं पांचरुपी हनुमान
जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपने पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावण को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ- साथ तंत्र – मंत्र का बड़ा ज्ञाता था। उसने अपने माया के दम पर भगवान राम …
Read More »चाहे दुःख हो या सुख हिसाब तो सबको देने ही होते हैं
एक सेठ जी बहुत ही दयालु थे । धर्म-कर्म में यकीन करते थे । उनके पास जो भी व्यक्ति उधार मांगने आता, वे उसे मना नहीं करते थे । सेठ जी मुनीम को बुलाते और जो उधार मांगने वाला व्यक्ति होता उससे पूछते कि भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में जो …
Read More »जानिए महात्मा गांधी की नजर में धर्म का अर्थ
एक बार महामना मदनमोहन मालवीय, महात्मा गांधी व कुछ अन्य लोग धर्म पर चर्चा कर रहे थे। चर्चा के दौरान मालवीय जी ने गांधीजी से पूछा, ‘बापू आपकी दृष्टि में धर्म क्या है?’ तब गांधीजी बोले, मेरी दृष्टि से धर्म का अर्थ कर्तव्य है। समाज के हर व्यक्ति का अलग धर्म है। सैनिक का धर्म अपने राष्ट्र व समाज की …
Read More »जब एक परोपकारी संत सेरोपियो ने दी धर्म की सीख
संत सेरोपियो मिस्र देश के निवासी थे। वह बड़े ही परोपकारी थे। दूसरों की सेवा करना, उन्हें सुकून देता था। संत हमेशा ही मोटे कपड़े का चोंगा पहनते थे। एक दिन उनके चोगे को फटा देखकर एक व्यक्ति ने उनसे कहा, ‘आपका चोगा तो फट गया है। उसके बदले नया चोगा क्यों नहीं पहनते।’ तब संत ने कहा, ‘भाई बात …
Read More »नेक बनना है तो जानें अब्राहम लिंकन के ये विचार
अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल 1861 से 1865 तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय लिंकन को ही जाता है। अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। वे प्रथम रिपब्लिकन थे जो अमेरिका के राष्ट्रपति बने। लिंकन का जीवन काफी संघर्षों और चुनौतियों से …
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