सब कारे आजमाए ऊधौ सब कारे आजमाए कारे भवंर मधूप के लोभी कली देख मंडरायेएक दिना खिल गिरी धरनि लौट दरस नहीं पाये कारे नाग पिटारन पाले बहूतई दूध पिलाएजब सुध आई उन्हें अपने कुटुंब की अंगुरिन में डस खाए कारे केश सीस पर राखे अतर फुलेल लगाएजेइ कारे न भऐ आपने श्वेत रूप दरसाए कारे से कोऊ प्रीत न …
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